आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां अपनी तैयारियों में जुटी हुई हैं। चुनाव आयोग ने चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है। लोकसभा चुनाव 7 चरणों में कराए जाएंगे। बिहार में गठबंधन के कयास लगाऐ जा रहे थे और सीट बंटवारे को लेकर घमाशान मचा हुआ था। इसी बीच लालू प्रसाद यादव ने अपने उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह देना शुरु कर दिया है। कयास लगाए जा रहे थे कि लालू प्रसाद यादव की RJD कांग्रेस के साथ मिलकर लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहती थी। लेकिन, लालू ने औरंगाबाद की सीट से उम्मीदवार का एलान कर दिया है। इसी को देखते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने भी बेगूसराय से अपने उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतार दिया है। सीपीआई ने बेगूसराय से अवधेश राय को अपना प्रत्याशी बनाया है। जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस इन दोनों सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती थी। RJD और CPI के उम्मीदवार उतारने के बाद कांग्रेस को डबल झटका लगा है।
बिहार में गठबंधन को लेकर थी कसमकस
औरंगाबाद की सीट को लेकर आरजेडी से कांग्रेस की कसमकस चल रही थी। लेकिन, लालू प्रसाद ने औरंगाबाद से अपने प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतार दिया है। इसी के साथ CPI ने भी अपना उम्मीदवार उतार दिया है। लालू प्रसाद ने औरंगाबाद सीट से अभय कुशवाह को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। बताया जा रहा है कि लालू प्रसाद यादव ने अभय कुशवाह को उतार कर कुशवाह समाज को लुभाने के लिए कुशवाह प्रत्याशी को मैदान में उतारा है।
CPI ने बेगूसराय से उतारा अपना प्रत्याशी
वहीं, कांग्रेस पार्टी औरंगाबाद से पूर्व सासंद निखिल कुमार को उम्मीदवार बनाना चाहती थी और बेगूसराय से कन्हैया कुमार को चुनावी मैदान में उतारना चाहती थी। लेकिन, लालू प्रसाद यादव से प्रभावित होकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने भी अपने प्रत्याशी को उतार दिया है। औरंगाबाद सीट हाथ से निकलने के बाद पार्टी के पूर्व सांसद निखिल कुमार ने आरजेडी पर हमला बोला और कहा कि कांग्रेस को तुरंत इस पूरे मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और लालू प्रसाद को एक तरफा फैसला करने से रोकना चाहिए।
बता दें, निखिल कुमार औरंगाबाद से पूर्व में सांसद रह चुके हैं और उन्होंने पार्टी आलाकमान से कहा है कि लालू को कांग्रेस की सीट के बारे में फैसला करने से रोका जाना चाहिए।