Samajwadi Party: गठबंधन सहयोगियों के बीच मतभेदों के कारण जनवादी पार्टी ने शनिवार को समाजवादी पार्टी से अलग हो गई है। जनवादी पार्टी के संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय चौहान ने कहा, जनवादी पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर विवाद था। इससे पहले समाजवादी पार्टी कुर्मी ओबीसी आधारित अपना दल से अलग हो गई थी। अब जनवादी पार्टी उत्तर प्रदेश की 11 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है। संजय चौहान की पार्टी ने 2022 में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था। लेकिन, एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। इसी के चलते समाजवादी पार्टी जनवादी पार्टी को एक भी सीट नहीं देना चाहती थी। जनवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में जनाधार विहीन पार्टी है, जिसका वर्तमान में उत्तर प्रदेश में एक भी विधायक नहीं है।
BJP के साथ लड़ चुकी है चुनाव
इससे पहले जनवादी पार्टी ने 2007 और 2012 में बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। लेकिन, वह राज्य में एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि हम 2022 के विधानसभा चुनाव में अपना दल के साथ गठबंधन में थे। लेकिन, 2024 में ऐसा नहीं है।
अपना दल ने घोषणा की थी कि वह आगामी लोकसभा चुनाव में तीन उम्मीदवारों के साथ उतरेगी। जिन सीटों पर उन्होंने चुनाव लड़ने की योजना बनाई थी, वे पूर्वी यूपी में फूलपुर, मिर्ज़ापुर और कौशांबी थीं। लेकिन, सपा अपना दल को ये सीट नहीं देना चाहती थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ये तीनों सीट जीती थी।
समाजवादी पार्टी ने बुधवार शाम को आम चुनावों के लिए छह और उम्मीदवारों की भी घोषणा की। इसमें मिर्ज़ापुर के लिए एक उम्मीदवार भी शामिल था, जिस पर अपना दल ने खुद के लिए दावा किया था।
उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2024 19 अप्रैल से 1 जून तक सात चरणों में होंगे और वोटों की गिनती 4 जून को होगी।