बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू यादव की बेटी मीसा भारती ने सोमवार को आरोप लगाया कि उन्हें अपने बीमार पिता के साथ प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय में प्रवेश करने से रोका गया था। किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी हुई थी और वह अपने आप खड़े या बैठ नहीं सकते है।
नौकरी के बदले भूमि घोटाले के सिलसिले में यहां संघीय एजेंसी के समक्ष पेश होने पर मीसा भारती अपने पिता के साथ थीं। राजद समर्थकों से घिरी मीसा ने ईडी कार्यालय के बाहर कहा “मुझे अपने पिता के साथ प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई। देश भर के लोग जानते हैं कि लालू जी ठीक नहीं हैं, उनका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ है, वह कई बीमारियों से पीड़ित हैं और सबसे बड़ी बीमारी उनकी उम्र है।”
हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि उन्हें अपने पिता लालू को दवाएं देने की इजाजत है। मीसा के अलावा लालू की दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य ने भी आरोप लगाया कि उनकी बहन को उनके पिता के साथ ईडी के कार्यालय में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई।
रोहिणी ने एक्स पर अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा “ED अधिकारियों का अमानवीय व्यवहार आपके और आपके गुरु के लिए शर्म की बात है। पिता की हालत सब जानते हैं, वह बिना सहारे के चल नहीं सकते, फिर भी उन्होंने बिना उनकी मदद के उन्हें गेट के अंदर धकेल दिया। मिन्नत करने के बाद भी उन्होंने उन्हें जाने नहीं दिया, न ही मीसा दी या उनका कोई सहायक, कृपया मेरी मदद करें।”
लालू से नौकरी के बदले जमीन घोटाले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए पूछताछ की जा रही है। कथित घोटाला तब हुआ जब लालू यादव 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री थे। आरोप पत्र में राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष के अलावा तत्कालीन रेलवे महाप्रबंधक का नाम भी शामिल है।
रेलवे में नियुक्ति दिलाने के बदले में लालू प्रसाद यादव ने कथित तौर पर उम्मीदवारों और उनके परिवार के सदस्यों की जमीनों को अपनी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती के नाम पर बिक्री के लिए हस्तांतरित कर दिया, जो प्रचलित सर्कल दरों से भी बहुत कम थी। सीबीआई ने नौकरी के बदले जमीन घोटाले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्रियों लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, उनकी बेटी मीसा भारती और 13 अन्य के खिलाफ पिछले साल अक्टूबर में आरोप पत्र दायर किया था।
सीबीआई के अनुसार लोगों को पहले रेलवे में ग्रुप डी पदों पर स्थानापन्न के रूप में भर्ती किया गया था और जब उनके परिवारों ने जमीन का सौदा किया तो उन्हें नियमित कर दिया गया। रेलवे में नौकरी के बदले रिश्वत लेकर जमीन लेने के आरोप की जांच सीबीआई कर रही है। वहॉं ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जांच कर रही है। इस मामले में सीबीआई ने आरोप पत्र भी दाखिल किया था।