फेमा मामले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता महुआ मोइत्रा को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने समन जारी किया है। महुआ मोइत्रा को 28 मार्च को पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाया गया है। फेमा मामले में पूछताछ के लिए इससे पहले हीरानंदानी समूह के प्रमोटर्स निरजंन हीरानंदानी और उनके बेटे दर्शन हीरानंदानी को ईडी ने फरवरी में बुलाया था। हीरानंदानी ने कहा कि उन पर फेमा उल्लंघन का आरोप 16 साल पहले का है। अब तक इस मामले में उनसे कम से कम 43 बार पूछताछ हो चुकी है।
कैश फॉर क्वेरी के मामले में दर्ज है केस
भाजपा नेता निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ लोकपाल में भी शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने टीएमसी सांसद पर संसद में सवाल पूछने के बदले पैसे लेने का आरोप लगाया था। लोकपाल ने CBI को महुआ मोइत्रा के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामले दर्ज जांच के आदेश दिए हैं। मोइत्रा के खिलाफ भाजपा नेता निशिकांत दुबे द्वारा लगाए गए आरोपों की प्रारंभिक जांच के बाद सीबीआई को जांच के आदेश दिए हैं। मोइत्रा पर उद्योगपति गौतम अड़ानी और पीएम मोदी पर की गई टिप्पणी पर निशाना साधने के लिए व्यवसायी दर्शन से नकदी और उपहार लेने के बदले में लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया था।
हीरानंदानी के बीच सवाल पूछने के लिए रिश्वत के आदान-प्रदान के सबूत
लोकसभा स्पीकर को लिखे अपने पत्र में दुबे ने कहा था कि उन्हें वकील और महुआ के पूर्व दोस्त जय अनंत का एक पत्र मिला है। इसमें उन्होंने मोइत्रा और जाने-माने बिजनेस टाइकून दर्शन हीरानंदानी के बीच सवाल पूछने के लिए रिश्वत के आदान-प्रदान के सबूत साझा किए हैं। इसके आधार पर निष्कर्ष निकाला गया कि मोइत्रा ने संसद में उनके द्वारा पूछे गए कुल 61 में से लगभग 50 प्रश्न दर्शन हीरानंदानी और उनकी कंपनी के व्यावसायिक हितों को बचाने के लिए थे।