मध्य प्रदेश के हरदा जिले में अवैध पटाखा फैक्ट्री में भयानक विस्फोट हुआ। इस विस्फोट में 11 लोगों की जान चली गई। अब इस घटना में कई चौंकाने वाली बातें सामने आ रही हैं। पता चला है कि इस फैक्ट्री में पहले भी विस्फोट हुआ था। धमाके के बाद फैक्ट्री को बंद कर दिया गया। प्रशासन ने इस फैक्ट्री को अवैध घोषित करके सील कर दिया गया था। लेकिन, उसके बाद यह फैक्ट्री कैसे खुल गई, ये एक बड़ा सवाल है। क्या आप ये जानते हैं कि पिछले नौ सालों में सूबे में 12 ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिसमें 163 लोगों की अब तक मौत हुई। लेकिन मध्यप्रदेश सरकार अवैध फैक्ट्रियों के संचालन पर रोक नहीं लगा पाई है।
इस मामले में कई सवाल उठ रहे हैं। इतनी बड़ी पटाखा फैक्ट्री अवैध रूप से चल रही थी तो क्या प्रशासन कुंभकर्ण की नींद सो रहा था? कुछ समय पहले इस फैक्ट्री को सील करने के बावजूद ये फैक्ट्री दोबारा कैसे खुल गई और कैसे इसमें काम होने लगा? एसडीएम हरदा के सी परस्ते ने मीडिया से बात करते हुए कहा, तीन महीने पहले ही फैक्ट्री को सील कर दिया था। इसके बाद कमिश्रर के आदेश के बाद इसको दोबारा खोला गया, फिलहाल मालिक फरार है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। इस मामले पर एसडीएम का कहना था, ये सरासर लापरवाही है, ये घटना लापरवाही से हुई है। यहां पर पहले भी विस्फोट हुआ था, जिसके बाद इस फैक्ट्री को अवैध घोषित किया गया था। फिलहाल जो विस्फोट के बाद आग लगी है, उसमें अब तक हमने 175 लोगों को रेस्क्यू किया है, घायलों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
इस घटना के बाद राज्य सरकार ने कमेटी गठित करने के निर्देश जारी किए हैं। मध्यप्रदेश सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के उप – सचिव दिलीप कापसे ने जांच समिति गठित किए जाने के निर्देश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि बैरागढ़ पटाखा फैक्ट्री एवं गोदाम में अग्निकांड के आपदा प्रबंधन की समीक्षा के लिए समिति का गठन किया गया है। इस समिति का अध्यक्ष मोहम्मद सुलेमान को बनाया है। वहीं, अपर मुख्य सचिव अजीत केसरी, गृह विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे, नगरीय विकास एवं आवास विभाग के नीरज मंडलोई, होमगार्ड के महानिदेशक अरविंद कुमार और आलोक रंजन इस समिति के सदस्य होंगे।