World Hottest Day: दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन के कारण कई भयानक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। भीषण गर्मी, बाढ़, बेमौसम बरसात जैसी आपदाओं ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। इसी बीच वैश्विक स्तर पर तापमान के परिवर्तन पर नजर रखने वाली एजेंसी ने झुलसा देने वाली गर्मी को लेकर आंकड़े जारी किए हैं। अमेरिका समेत यूरोपीय देशों पिछले हफ्ते लू और गर्मी से वहां के लोग परेशान हो गए थे। ताजा आंकड़ों के अनुसार 21 जुलाई का दिन दुनिया के इतिहास का अब तक का सबसे गर्म दिन रहा है। इस दिन औसत तापमान पिछले 84 वर्षों के तुलना में ज्यादा दर्ज किया गया।
इस जुलाई पड़ी रिकॉर्ड तोड़ गर्मी
लंदन स्थित यूरोपीय संघ की कोपरनिकस जलवायु परिवर्तन सेवा (C3S) के ने बताया कि पहली बार वैश्विक औसत सतही वायु तापमान 17.09 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। इस भीषण गर्मी ने पिछले साल जुलाई के तापमान का रिकॉर्ड तोड़ दिया (World Hottest Day) है। बता दें कि पिछले साल 17.08 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था, जो अब काफी बढ़ गया है।
World Hottest Day: रुस के ठंडे इलाकों में भी पड़ रही भीषण गर्मी
रुस के ठंडे इलाकों में भी इस बार गर्मी का प्रकोप देखा गया है। कोपरनिकस जलवायु परिवर्तन सेवा के मुताबिक, रविवार को गर्मी ने अब तक के सभी रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 1940 के बाद सबसे गर्म दिन 21 जुलाई बन गया है। C3S के निदेशक कार्लो बुओंटेम्पो के अनुसार, पिछले 13 महीनों में तापमान और पिछले रिकॉर्ड के बीच का अंतर हैरान कर देने वाला है। आने वाले समय में इससे ज्यादा गर्मी बढ़ने की संभावना है।
उत्तरी गोलार्ध पर गर्मी का प्रकोप अधिक
C3S के वैज्ञानिकों की माने तो पिछले साल जून के बाद से हर महीना गर्मी के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए इस बार सबसे गर्म महीना रहा। इसके साथ ही वैज्ञानिकों ने ये भी कहा कि पिछले साल के बाद टूटा ये रिकॉर्ड अंतिम नहीं हो सकता। अभी जुलाई के कई दिन बाकी हैं। यह रिकॉर्ड भी टूट सकता है।
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