China and Maldives: मालदीव में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी) ने रविवार के संसद चुनावों में पूर्ण बहुमत हासिल किया है। इस पर चीन ने पीएनसी को बधाई दी है और दोनों देशों के बीच के संबंधों को गहरा करने की इच्छा जाहिर की है।
मुइज्जू को भारत विरोधी और चीनी के प्रति झुकाव वाला नेता माना जाता है। उनकी पार्टी को बंपर बहुमत मिला है। वे अब पार्टी के संविधान तक में संशोधन करने लायक बहुमत रखते हैं। माना जा रहा है मुइज्जू इस बहुमत के दम पर विदेश नीति को नया आकार देने में इस्तेमाल कर सकते हैं।
ऐसे में चीन और मालदीव के बीच का आगामी संबंध भारत के लिए और भी ध्यान देने योग्य हो जाता है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने मालदीव को नई सरकार के चयन पर बधाई दी है। उन्होंने यह भी कि चीन चाहता है कि उसकी मालदीव के साथ पारंपरिक दोस्ती और सहयोग और बढ़े। दोनों देशों के रिश्ते से एक साझा भविष्य का निर्माण हो जिसका फायदा लोगों को मिले।
फिलहाल चीन ने मालदीव के बुनियादी ढांचे के विकास में निवेश किया है। मालदीव काफी हद तक पर्यटन पर निर्भर है। यहां पर भारतीय पर्यटक काफी आते रहे हैं। लेकिन दोनों देशों के बीच हालिया विवाद से इस पर असर पड़ सकता है। चीन ने मालदीव को भरोसा दिलाया है कि वह अपने नागरिकों घूमने के लिए वहां भेजेगा। चीन ने ये वादा जनवरी में मुइज्जू की चीनी यात्रा के दौरान किया था।
हालांकि भारत और मालदीव के बीच पिछले महीनों एक टेंशन देखी गई है लेकिन ये भी सच है कि भारत ने मालदीव को देने वाली मदद कभी कम नहीं की है बल्कि और बढ़ा दी है। मुइज्जु का कहना था कि मालदीव में भारतीय सैनिकों की उपस्थिति ही दोनों देशों के बीच विवाद का कारण थी। भारत अब इनको वापस बुलाने पर राजी हो गया है।