पाकिस्तान के लाहौर से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। लाहौर में सरबजीत सिंह के हत्यारोपी आमिर सरफराज तांबा की बाइक पर सवार अज्ञात बंदूकधारियों ने हत्या कर दी है। तांबा लश्कर-ए-तैबा के आतंकी सरगना हाफिज सईद का भी करीबी था
तांबा पर लाहौर के इस्लामपुरा इलाके में मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने हमला किया। तांबा सरबजीत पर ईंटों और लोहे की छड़ों से हमला करने वालों में शामिल था। तांबा पर हमला होने के बाद उसको गंभीर हालत में हॉस्पिटल ले जाया गया। लेकिन उसकी मौत हो चुकी थी।
सरबजीत सिंह वो भारतीय कैदी थे जिनको कथित तौर पर जासूसी और 1990 में पंजाब प्रांत में बम विस्फोटों का दोषी बताया गया था। पाकिस्तानी कोर्ट ने सरबजीत सिंह को इस केस में मौत की सजा भी सुना दी थी। सरबजीत की लड़ाई भारत में मौजूद उनकी बहन ने दिलो-जान से लड़ी। लेकिन तभी एक ऐसी अनहोनी हुई जिसने सभी भारतीयों को झकझोर कर रख दिया था।
जेल में बंद सरबजीत पर पाकिस्तानी कैदियों ने एक दिन इतनी बुरी तरह से हमला बोला कि वे कोमा में चले गए थे। भीषण हमले के चलते वे लाहौर के जिन्ना अस्पताल में एक हफ्ते तक भर्ती रहे और बाद में दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई।
49 वर्षीय सरबजीत सिंह को लाहौर ही हाई सिक्योरिटी कोट लखपत जेल में रखा गया था। उन पर हमला करने वालों में तांबा भी शामिल था। सरबजीत का निधन 2 मई, 2013 को हुआ था। अब तांबा के मर्डर की अप्रत्याशित घटना सामने आई है। 1979 में लाहौर में जन्मे तांबा का अंत भी लाहौर में हुआ।