केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने बुधवार को कहा नामीबिया से लाए गए चीता ‘ज्वाला’ ने मध्यप्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में चार शावकों को जन्म दिया है, न कि तीन, जैसा कि एक दिन पहले कहा गया था।
मंत्री यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा ‘’वन्यजीव चमत्कार! जैसे ही अग्रिम पंक्ति के वन्यजीव योद्धा ज्वाला के करीब पहुंचने में कामयाब रहे, उन्होंने पाया कि उसने तीन नहीं, बल्कि चार शावकों को जन्म दिया है। इससे हमारा आनंद कई गुना बढ़ गया है।’ सभी को बधाई. हम प्रार्थना करते हैं कि शावक भारत में अपने घर में फलें-फूलें और समृद्ध हों।‘’
भारत में चीतों को 1952 में विलुप्त घोषित कर दिया गया था, जिसे 2022 में महत्वाकांक्षी परियोजना के माध्यम से फिर से पेश किया गया। प्रोजेक्ट चीता के तहत नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को भारत में लाया गया। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका से बारह चीतों को भी स्थानांतरित किया गया और फरवरी 2023 में कुनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ दिया गया।
पिछले हफ्ते नामीबिया से स्थानांतरित किए गए एक चीते की कुनो राष्ट्रीय उद्यान में मृत्यु हो गई। मार्च 2023 से अब तक भारत में पैदा हुए सात वयस्क चीतों और तीन शावकों की मौत हो चुकी है। मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी बिल्लियों की मौत पर चिंता व्यक्त की और केंद्र सरकार से मौतों के पीछे के कारणों को बताते हुए एक विस्तृत हलफनामा दाखिल करने को कहा और मौतों को रोकने के लिए उपाय किये गये।
कूनो राष्ट्रीय उद्यान विध्याचल पर्वत के उत्तरी किनारे पर स्थित है और इसका क्षेत्रफल 344.686 वर्ग किमी है। इसका नाम चंबल नदी की एक सहायक नदी के नाम पर रखा गया था।