Wakf Amendment Bill: वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित हो गया। इस विधेयक को लेकर आठ घंटे की चर्चा का वक्त तय किया गया था। हालांकि वक्त बढ़ता रहा और चर्चा चलती रही। इस चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच कई बार तीखी बहस देखने को मिली। रात 2 बजे हुई वोटिंग में 520 सांसदों ने भाग लिया। 288 ने पक्ष में और 232 ने विपक्ष में वोट डाले।
विधेयक के मुख्य बिंदु
विधेयक का उद्देश्य वक्फ प्रबंधन में सुधार, पारदर्शिता और डिजिटलीकरण को बढ़ाना है। संशोधन विधेयक की विपक्ष द्वारा कड़ी आलोचना की गई है, जिसने बार-बार इसे “असंवैधानिक” कहा और भाजपा पर मुसलमानों के अधिकारों को “छीनने” का प्रयास करने का आरोप लगाया।
असदुद्दीन ओवैसी की प्रतिक्रिया
एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी बात रखी। इस दौरान उन्होंने वक्फ संशोधन बिल को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। साथ ही कहा कि ये बिल मुस्लिमों के साथ अन्याय है। यह जंग का ऐलान है, हमारे मदरसों और मस्जिदों को निशाना बनाया जा रहा है। सरकार झूठ बोल रही है कि इससे गरीब मुसलमानों को भला होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि मैं बिल का विरोध करता हूं। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि गांधी जी के सामने जब एक ऐसा कानून लाया गया जो उनको कबूल नहीं था तो उन्होंने कहा मैं उसे कानून को मानता नहीं हूं, उसको फाड़ता हूं। मैं भी गांधी जी की तरह इस कानून को फाड़ता हूं। इसके बाद दो पन्नों के बीच लगे स्टेपर को उन्होंने अलग कर दिया और इस तरह से सांकेतिक रूप से बिल को फाड़ दिया।
किरेन रिजिजू की प्रतिक्रिया
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने जवाब देते सभी सांसदों को विधेयक के बारे में अपने विचार रखने के लिए धन्यवाद दिया। साथ ही कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि बिल असंवैधानिक है और मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि वे कैसे कह सकते हैं कि बिल असंवैधानिक है। अगर यह असंवैधानिक था, तो अदालत ने इसे रद्द क्यों नहीं किया? उन्होंने ओवैसी के सवालों पर भी पलटवार किया है। रिजिजू ने कहा कि असंवैधानिक जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। बिल संविधान के खिलाफ नहीं है, जैसा कि विपक्ष ने दावा किया है।