Phalodi Satta Market Prediction: आपने क्रिकेट मैचों को लेकर सट्टा लगाने की बात तो सुनी होगी, अब हम आपको लोकसभा चुनाव को लेकर लगने वाले सट्टे की बात करेंगे। राजस्थान में एक ऐसा स्थान हैं जहां सरकार बनाई भी जाती हैं और गिराई भी जाती हैं, यानि इस बात पर सट्टा लगता है कि इस बार के लोकसभा चुनाव में किसकी सरकार बनेगी? लोकसभा चुनाव के तीन चरण हो चुके हैं। तीन चरणों में पार्टियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो चुकी है। लोकसभा चुनाव में भी सट्टा का बाजार गर्म है। राजस्थान के फलोदी जिले का सट्टा बाजार देश में चर्चाओं में रहता है। इस बार के लोकसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों के लेकर फलोदी सट्टा बाजार का क्या आकलन है? आईए जानते हैं…
उत्तर प्रदेश में बीजेपी को फायदा
फलोदी सट्टा मार्केट इस लोकसभा चुनाव में BJP को 335 से 340 सीटें मिलने का अनुमान लगा रहा है। यहां के आंकलन के अनुसार देश में एक बार फिर BJP की सरकार बनने जा रही है। सट्टा मार्केट में यह अनुमान है कि बीजेपी अपने दम पर ही बहुमत हासिल कर लेगी। फलोदी सट्टा बाजार के मुताबिक यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से बीजेपी और उसके सहयोगी दल 73 से 75 सीटों पर कब्जा कर सकती है। वहीं यूपी में इंडिया गठबंधन के खाते में 5 सीटे जा रही हैं। सट्टा बाजार के आंकलन के मुताबिक बहुजन समाज पार्टी का इस चुनाव में खाता नहीं खुलेगा।
क्या बीजेपी कर पाएगी 400 पार
सट्टा बाजार के मुताबिक BJP की 330 से 335 सीटों का भाव 1 रुपये, जबकि 350 सीटों का भाव 3 रुपये और 400 सीटों का भाव 12 से 15 रुपये चल रहा है। जबकि NDA की 400 सीटों का भाव 4 से 5 रुपये ही चल रहा है। सट्टा बाजार के अनुमानों के मुताबिक BJP 400 पार नहीं हो पाएगी। फलोदी सट्टा मार्केट अपने अनुमान में कांग्रेस को 40-42 सीटें दे रहा है। सट्टा मार्केट के अनुसार कांग्रेस फिर एक बार केंद्र में सरकार नहीं बना पाएगी।
फलोदी मार्केट के आंकड़े कई बार हुए सही
पिछले साल हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए सट्टा मार्केट का अनुमान वास्तविक नतीजों के करीब था, जिसमें कांग्रेस और भाजपा को क्रमशः 137 और 55 सीटें दी थी, वहीं नतीजों में कांग्रेस को 135 और भाजपा को 66 सीटें मिली थी। इसी तरह, फलोदी सट्टा बाजार ने भी 2022 में हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की जीत की सटीक भविष्यवाणी की थी।
जिस पर कम भाव, उसकी जीतने की संभावना ज्यादा
फलोदी सट्टा बाजार हारने वाली पार्टी के लिए अधिक संभावनाएँ आवंटित करता है और जीतने वाली पार्टी के लिए कम संभावनाएं आवंटित करता है। फलोदी सट्टा बाजार में हारने वाली पार्टी पर ज्यादा भाव मिलता है जबकि जीतती हुई पार्टी पर भाव कम होता है। चुनाव में जिस उम्मीदवार का फलोदी सट्टा बाजार भाव कम है, इसका मतलब ये है कि कम पैसे के भाव वाले प्रत्याशी की जीत की संभावना उतनी ही ज्यादा है।
पूरे भारत में फलोदी के सट्टा बाज़ार का नेटवर्क है। फलोदी का ये सट्टा बाजार काफी प्रसिद्ध है। ऐसा कहा जाता है कि इसका कारोबार करोड़ों में है। यहां रोज़ाना अघोषित तौर पर करोड़ों का सट्टा लगाया जाता है। ऐसा बताया जाता है कि यहां लगभग 500 सालों से सट्टा खेला जा रहा है।