पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री पंजाब का दौरा कर सकती हैं। वह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से मुलाकात कर सकती हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ममता बनर्जी दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की पार्टी संग गठबंधन को लेकर कोई बड़ा निर्णय ले सकती हैं।
आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां तैयारियों में जुटी हैं। देश में सियासी उठापटक के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पंजाब का दौरा कर सकती हैं। कांग्रेस को झटका देने वाली दीदी 21 फरवरी को पंजाब के दौरे पर जा सकती हैं। ममता बनर्जी ने पिछले कुछ दिनों कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए पश्चिम बंगाल से अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया था। आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अपने पंजाब दौरे के दौरान ममता बनर्जी दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से मुलाकात कर सकती हैं। माना जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी AAP संग गठबंधन को लेकर कोई बड़ा निर्णय लेने की सोच रही हैं। सूत्रों की माने तो TMC प्रमुख अपनी यात्रा के दौरान अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में भी मत्था टेकेंगी और पूजा-अर्चना करेंगी।
बता दें लोकसभा चुनाव 2024 से पहले तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी की यात्रा और AAP पार्टी के प्रमुख नेपाओं संग बैठक को अहम माना जा रहा है। क्योंकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की यात्रा उस दौरान हो रही है जहां देश के अधिकतर किसान सड़कों पर उतर आए हैं। किसान अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग कर रहे हैं। ममता बनर्जी पहले ही किसानों को अपना समर्थन दे चुकी हैं साथ ही पुलिस बल द्वारा आदोंलनकारी किसानों पर लिए गए एक्शन का विरोध भी कर रही हैं। पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारी किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे जाने पर केंद्र सरकार का विरोध किया।
ममता बनर्जी ने केंद्र पर हमला बोलते हुए एक्स पर लिखा “जब किसानों पर उनके बुनियादी अधिकारों के लिए लड़ने पर आंसू गैस के गोलों से हमला किया जाएगा तो हमारा देश कैसे प्रगति कर सकता है? मैं भाजपा द्वारा हमारे किसानों पर किए गए क्रूर हमले की कड़ी निंदा करती हूं। किसानों और मजदूरों का समर्थन करने में केंद्र सरकार की विफलता, निरर्थक पीआर स्टंट के साथ मिलकर, ‘विकसित भारत’ के भ्रम को उजागर करती है। उनके विरोध को दबाने के बजाय, भाजपा को अपने बढ़े हुए अहंकार, सत्ता की भूखी महत्वाकांक्षाओं और अपर्याप्त शासन को कम करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जिसने हमारे देश को नुकसान पहुंचाया है। याद रखें, ये किसान ही हैं जो बड़े और शक्तिशाली लोगों सहित हम सभी का भरण-पोषण करते हैं। आइए सरकार की क्रूरता के खिलाफ अपने किसानों के साथ एकजुटता से खड़े हों।“