भारतीय नौसेना अपने पड़ोसियों चीन और पाकिस्तान से बड़े पैमाने पर खतरों को देखते हुए अपने शस्त्रागार में INS Dhruv जैसे हथियारों के साथ-साथ इंडो-पैसिफिक क्षेत्र और उससे आगे अपनी उपस्थिति को बढ़ाने के लिए तैयार है।
INS Dhruv को भारतीय नौसेना ने डीआरडीओ और एनटीआरओ के सहयोग से हिंदुस्तान शिपयार्ड द्वारा बनाया था। यह जहाज कई विशेषताओं से सुसज्जित है जो इसे अपने आप में विशेष बनाता है। यह एक ऐसा स्वदेशी बैलिस्टिक मिसाइल और सबमरीन ट्रैकिंग शिप है जिसकी वजह से दुश्मन देश हमारे देश पर हमला नहीं कर सकते, इसके साथ ही ये दुश्मन मिसाइल की रेंज के अलावा सैटेलाइट को भी ट्रैक कर सकता है और शांती से देश की सुरक्षा करता है।
INS Dhruv की खासियत
INS Dhruv: एंटी-बैलिस्टिक युद्ध में एक प्रमुख दावेदार है।
INS Dhruv, अपनी एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल शक्तियों के साथ, भारतीय शहरों और सैनिक स्थापना की ओर जाने वाली दुश्मन मिसाइलों के लिए चेतावनी प्रणाली के रूप में कार्य करेगा।
ध्रुव के पास डीआरडीओ द्वारा विकसित एक एडवांस स्कैन ऐरे भी है, जो उसे विभिन्न स्पेक्ट्रम को स्कैन करने और भारत पर नजर रखने वाले जासूसी Satellites की निगरानी करने के साथ-साथ पूरे क्षेत्र में मिसाइल परीक्षणों की निगरानी करने में सक्षम रहेगा।
ध्रुव भारत का पहला नौसैनिक पोत है जो लंबी दूरी तक परमाणु मिसाइलों पर नज़र रखने में सक्षम है।