Supreme Court On Bulldozer Action: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में साल 2021 में हुई बुलडोजर कार्रवाई को अवैध बताया है। कोर्ट ने प्रयागराज डेवलपमेंट ऑथोरिटी को आदेश दिया है कि वह प्रभावित परिवारों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा दे। जस्टिस अभय एस ओका और उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने कहा, ‘यह मुआवजा इसलिए भी जरूरी है ताकि भविष्य में सरकारें बिना उचित प्रक्रिया के लोगों का मकान गिराने से परहेज करें। जजों ने हाल ही में सामने आए एक वीडियो का भी हवाला दिया, जिसमें गिरती हुई झोपड़ी से एक बच्ची अपनी किताबें लेकर भाग रही है।
क्या था मामला?
यह मामला प्रयागराज के एक इलाके में बुलडोजर कार्रवाई से जुड़ा है, जहां कई मकानों को तोड़ दिया गया था। प्रभावित परिवारों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने कार्रवाई को अवैध बताया था।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि बुलडोजर कार्रवाई के दौरान प्रभावित परिवारों को पर्याप्त समय और कानूनी बचाव का मौका नहीं दिया गया था। कोर्ट ने कहा है कि यह कार्रवाई अवैध थी और प्रभावित परिवारों को मुआवजा दिया जाना चाहिए।
मुआवजे के अलावा क्या आदेश?
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रयागराज डेवलपमेंट ऑथोरिटी को आदेश दिया है कि वह प्रभावित परिवारों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा दे। इसके अलावा, कोर्ट ने कहा है कि प्राधिकरण को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में ऐसी कार्रवाई के दौरान प्रभावित परिवारों को पर्याप्त समय और कानूनी बचाव का मौका दिया जाए।