देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को देश के अलग-अलग राज्य सरकारों से जानकारी मांगी है। ये जानकरी कथित गोरक्षकों और भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या किए जाने वाले के मामले में कार्रवाई के बारे में 6 सप्ताह के अंदर मांगी गई है। न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने एक संगठन की याचिका पर सुनवाई के बाद ये निर्देश दिए।अब इस मामले में अगली सुनवाई 6 सप्ताह बाद होगी।
संगठन द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में अनुरोध किया गया था कि राज्यों को कथित गौरक्षक द्वारा मुसलमान के खिलाफ भीड़ हिंसा की घटना से निपटने के लिए शीर्ष अदालत के 2018 के फैसले के अनुरूप तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाए।
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने आदेश दिया,’ हमने पाया है कि अधिकतर राज्यों ने ‘मोब लिंचिंग’ के उदाहरण पेश करने वाली रिट याचिका पर अपने जवाबी हलफनामे दाखिल नहीं किए हैं। राज्यों से अपेक्षा थी कि वह कम से कम इस बात का जवाब दें कि ऐसे मामलों में क्या कार्रवाई की गई। हम उन राज्यों को 6 सप्ताह का समय देते हैं जिन्होंने अपना जवाब दाखिल नहीं किया है।