Supreme Court On TDS: उच्चतम न्यायालय में आयकर अधिनियम के तहत स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) ढांचे को खत्म करने लिए एक याचिका दायर की गई थी। इस याचिका पर कोर्ट ने विचार करने से इनकार कर दिया और कहा कि यह ‘हर जगह’ लगाया जाता है।
भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने कहा कि याचिका बहुत खराब तरीके से तैयार की गई है और इसे दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर किया जाना चाहिए।
Supreme Court refuses to entertain a PIL seeking to declare that the Tax Deducted at Source (TDS) system is
— ANI (@ANI) January 24, 2025
“manifestly arbitrary, irrational and violative of various fundamental rights”.
Supreme Court declines the plea filed by advocate petitioner advocate Ashwini Upadhyay… pic.twitter.com/vM0363fVDn
सीजेआई ने कहा, “माफ कीजिए, हम इस पर विचार नहीं करेंगे। यह बहुत ही खराब तरीके से तैयार की गई है। हालांकि, आप दिल्ली उच्च न्यायालय जा सकते हैं।” उन्होंने कहा कि कई देशों में टीडीएस लगाने की व्यवस्था है।
बता दें कि अधिवक्ता अश्विनी दुबे के माध्यम से दायर याचिका में टीडीएस प्रणाली को ‘मनमाना और तर्कहीन’ बताते हुए इसे समाप्त करने का निर्देश दिये जाने का अनुरोध किया गया था। इसे समानता सहित विभिन्न मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताया गया है।
याचिका में आयकर अधिनियम के तहत टीडीएस ढांचे को चुनौती दी गई है, जो भुगतानकर्ता द्वारा भुगतान के समय कर की कटौती और उसे आयकर विभाग में जमा करने को अनिवार्य बनाता है। कटौती की गई राशि को दाता की कर देयता में समायोजित किया जाता है। याचिका में केंद्र, विधि एवं न्याय मंत्रालय, विधि आयोग और नीति आयोग को पक्ष बनाया गया था।