प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भारतीय तटरक्षक बल को उसके स्थापना दिवस पर शुभकामनाएं दीं। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया ‘’भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) गुरुवार को अपना 48वां स्थापना दिवस मना रहा है। @इंडियाकोस्टगार्ड के 48वें स्थापना दिवस पर, मैं उनके सभी कर्मियों और कर्मचारियों को अपनी शुभकामनाएं और बधाई देता हूं। समुद्री सुरक्षा, राष्ट्रीय सुरक्षा और पर्यावरण की देखभाल के प्रति उनका समर्पण अद्वितीय है। भारत उनकी अटूट सतर्कता और सेवा के लिए उन्हें सलाम करता है।”
इससे पहले 28 जनवरी को भारतीय तटरक्षक बल ने एक मछली पकड़ने वाली नाव को खींचने में सहायता प्रदान की थी, जो इंजन खराब होने के कारण गुरुवार से लक्षद्वीप में मिनिकॉय द्वीप के दक्षिण-पश्चिम में 50 समुद्री मील की दूरी पर भटक रही थी। भारतीय तट गार्ड ने ‘X’ पर लिखा “@IndiaCoastGuard जहाज समर्थ ने भारतीय मछली पकड़ने वाली नाव अरुल माथा (IND-TN-12-MM-5707) को खींचने में सहायता प्रदान की, जो इंजन खराब होने के कारण 25 जनवरी से #मिनिकॉय द्वीप के 50 NM दक्षिण-पश्चिम में बह रही थी।”
क्यों मनाया जाता है भारतीय तटरक्षक बल दिवस
समुद्र में मछुआरों की सहायता करने में भारतीय तटरक्षक बल के दृढ़ संकल्प और त्वरित प्रतिक्रिया ने उन्हें मछुआरों के बीच समुद्र के प्रहरी के रूप में पहचान दिलाई है, जो इसके आदर्श वाक्य, “वयं रक्षामः” के अनुरूप है।
भारतीय तटरक्षक बल 1 फरवरी 1977 को अस्तित्व में आया, जिसमें भारतीय जल क्षेत्र में निगरानी के लिए केवल सात जहाजों का बेड़ा था। भारतीय तटरक्षक बल का औपचारिक उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने 19 अगस्त 1978 किया था। भारत के समुद्री सशस्त्र बल के 48वें स्थापना दिवस को चिह्नित करने के लिए 1 फरवरी 2024 को भारतीय तटरक्षक स्थापना दिवस मनाया जाता है।
भारतीय तटरक्षक बल का इतिहास
1960 के दशक के दौरान समुद्र के रास्ते बहुमूल्य वस्तुओं की तस्करी बढ़ रही थी। इससे भारत की आर्थिक वृद्धि को खतरा था और दुश्मन की पैठ का खतरा था।
1973 तक, भारत ने एक कार्यक्रम शुरू किया जिसने भारतीय नौसेना को सक्षम बनाया। भारतीय कैबिनेट ने नौसेना, वायु सेना और के समर्थन से सितंबर 1974 में रुस्तमजी समिति की स्थापना की।
इंडियन नेवी, वायु सेना और राजस्व विभाग की ओर से सपोर्ट सितंबर 1974 में भारतीय कैबिनेट ने खुसरो फरामुर्ज रुस्तमजी की अध्यक्षता में रुस्तमजी कमेटी का गठन किया गया था।
कमेटी की अनुसंसा पर 1 फरवरी 1977 को अंतरिम भारतीय तटरक्षक बल अस्तित्व में आय। अंतरिम भारतीय तटरक्षक बल दो छोटे कार्वेट और पांच गश्ती नौकाओं से सुसज्जित थे।
18 अगस्त 1978 को भारत की संसद द्वारा पारित तटरक्षक अधिनियम में आईसीजी कर्मियों को परिभाषित किया गया था। इनकी मुख्य जिम्मेदारी राष्ट्र व राष्ट्र की संपत्तियों की रक्षा, खोज और बचाव अभियान चलाना, तस्करी और किसी भी अवैध गतिविधियों को रोकना, आपदा की स्थिति में राहत-बचाव करना, मछुआरों की सहायता, अपने समुद्री सीमा में जरूरत पड़ने पर विदेशी जहाजों को सुरक्षा प्रदान करना है।
कर्तव्य एवं सेवाएं
भारतीय तटरक्षक, भारत के समुद्री क्षेत्रों में लागू सभी राष्ट्रीय अधिनियमों के उपबंधों का प्रवर्तन करने के लिए प्रमुख संस्था है, जो राष्ट्र एवं समुद्री समुदाय के प्रति निम्नलिखित सेवाएं प्रदान करता हैI
समुद्री क्षेत्रों में कृत्रिम द्वीपों, अपतटीय संस्थापनाओं तथा अन्य संरचना की सुरक्षा और संरक्षण सुनिश्चित करना।
मछुवारों की सुरक्षा करना तथा समुद्र में संकट के समय उनकी सहायता करना।
समुद्री प्रदूषण के निवारण और नियंत्रक सहित हमारे समुद्री पर्यावरण का संरक्षण और परिरक्षण करना।
तस्करी-रोधी अभियानों में सीमा-शुल्क विभाग तथा अन्य प्राधिकारियों की सहायता करना।
भारतीय समुद्री अधिनियमों का प्रवर्तन करना।
समुद्र में जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक उपाय करना।