भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के साथ धोखाधड़ी हुई थी। धोखाधड़ी मामले में रांची सिविल कोर्ट ने बुधवार को एक अहम फैसला सुनाया। धोनी के अधिवक्ता दयाशंकर ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि 20 मार्च को रांची सिविल कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान मामले को प्रथम दृष्टि से सही माना गया। इसके बाद मामले में कोर्ट की ओर से मिहिर दिवाकर सौम्या दास और आर का स्पोर्ट्स मैनेजमेंट पूरा के खिलाफ संबंध जारी करने का आदेश जारी किया गया।
आपको बता दें, महेंद्र सिंह धोनी की और से 15 करोड़ की धोखाधड़ी से संबंधित केस रांची सिविल कोर्ट में दर्ज कराया गया था। धोनी की ओर से उनके पूर्व बिजनेस पार्टनर रहे मिहिर दिवाकर के खिलाफ सिविल कोर्ट में क्रिमिनल केस फाइल किया गया था। धोनी की ओर से कहा गया था कि मिहिर दिवाकर ने एग्रीमेंट की शर्तों का उल्लंघन किया है। साल 2021 में एग्रीमेंट निरस्त करने के बाद भी धोनी के नाम का इस्तेमाल दिवाकर की कंपनी और आरका स्पोर्ट्स मैनेजमेंट लिमिटेड की ओर से किया गया।
धोनी के अधिवक्ता दयाशंकर सिंह ने मीडिया को बताया कि आरका ने देश के अंदर और बाहर कई एकेडमी खोली हैं। लेकिन शर्तों के अनुसार धोनी को प्रॉफिट शेयर नहीं किया गया।इस पूरे एग्रीमेंट की शर्तों के उल्लंघन से धोनी को करीब 15 करोड रुपए का नुकसान हुआ है।
कुछ समय पहले मिहिर दिवाकर की ओर से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की गई थी। उस पोस्ट का हवाला देते हुए धोनी के अधिवक्ता ने उसका खंडन किया। आपको बता दें, मिहिर दिवाकर की ओर से बीती 1 फरवरी को कानपुर कोर्ट में महेंद्र सिंह धोनी के खिलाफ केस फाइल किया गया था।