CM Siddaramaiah: कर्नाटक के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया संकट में घिरते नजर आ रहे हैं। कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने मैसूर अर्बन डेवल्पमेंट अथॉरिटी (MUDA) द्वारा साइट आवंटन में कथित गड़बड़ी को लेकर उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है।
कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने कथित MUDA घोटाले में राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सक्षम प्राधिकारी को अनुमति दे दी: राजभवन
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 17, 2024
यह फैसला RTI कार्यकर्ता टीजे अब्राहम द्वारा दर्ज की गई शिकायत के बाद लिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार सीएम पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 218 के तहत मुकदमा चलेगा।
इस फैसले के बाद राज्य में राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई हैं। इस मामले के बाद भाजपा अब कांग्रेस पर हमलावर हो रही है। इन आरोपों के बीच सीएम सिद्धारमैया का कहना है कि हाई कमान उनके साथ है, पूरी कैबिनेट, सरकार और विधायक सभी उनके साथ हैं। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र की तरफ से राजभवन का राजनीतिक इस्तेमाल किया जा रहा है।
#WATCH कर्नाटक के राज्यपाल द्वारा कथित MUDA घोटाले में उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दिए जाने पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, "पूरा मंत्रिमंडल, पार्टी हाईकमान, सभी विधायक, एमएलसी, लोकसभा और राज्यसभा सांसद मेरे साथ हैं…" pic.twitter.com/W6JC36CzMk
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MUDA द्वारा भूमि आवंटन में गड़बड़ी की गई है और सीएम सिद्धारमैया पर आरोप है कि ऐसा करके उन्होंने अपनी पत्नी पार्वती सिद्धारमैया को फायदा पहुंचाया था। हालांकि, मुख्यमंत्री पहले इन आरोपों को खारिज कर चुके हैं। सीएम सिद्धारमैया ने यह भी कहा कि अगर यह अथॉरिटी की जमीन है तो इसे वह वापस कर देंगे और इसकी जगह पर दूसरी जमीन ले लेंगे।
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2021 में, MUDA ने विकास कार्यों के लिए केसर गांव से 3 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था। बाद में मैसूर के एक धनी शहर विजयनगर में उनकी जमीनों को फिर से आवंटित किया गया। आलोचकों का दावा है कि आवंटित जमीनों का बाजार मूल्य उनकी जमीन की कीमत से काफी ज्यादा था।
वकील और एक्टिविस्ट टीजे अब्राहम द्वारा दायर याचिका के आधार पर कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने 26 जुलाई को ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया था। जिसमें उनके खिलाफ आरोपों के बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया था। अब्राहम ने पार्वती को आवंटित मुआवजे वाली जमीनों को वापस लेने का भी आग्रह किया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि भूमि आवंटन प्रक्रिया के दौरान अवैध रूप से हेराफेरी हुई थी।
एक अन्य एक्टिविस्ट स्नेहमयी कृष्णा ने भी कथित भूमि घोटाले में सिद्धारमैया, उनकी पत्नी और MUDA तथा प्रशासनिक अधिकारियों की संलिप्तता का आरोप लगाया है। नया केस दर्ज नहीं करवाया है क्योंकि पुलिस इस मामले में जांच पहले से ही कर रही है। हालांकि, सीएम सिद्धारमैया ने इन आरोपों का खंडन किया है और आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है।
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