JPC on Waqf Amendment Bill: संसद की संयुक्त समिति ने वक्फ (संशोधन) विधेयक पर चर्चा करते हुए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सदस्यों द्वारा प्रस्तावित सभी संशोधनों को स्वीकार कर लिया है। वहीं, विपक्षी सदस्यों के संशोधन प्रस्तावों को खारिज कर दिया गया है।
समिति के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल ने बताया कि स्वीकार किए गए संशोधनों से कानून बेहतर और प्रभावी होगा। हालांकि, विपक्षी सांसदों ने बैठक की कार्यवाही की निंदा की और जगदम्बिका पाल पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को ‘पलटने’ का आरोप लगाया।
TMC के कल्याण बनर्जी ने उठाए सवाल
तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने कहा, “यह हास्यास्पद कवायद थी। हमारी बात नहीं सुनी गई। पाल ने तानाशाही तरीके से काम किया है।” पाल ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पूरी प्रक्रिया लोकतांत्रिक थी और बहुमत की राय को स्वीकार किया गया है।
समिति द्वारा प्रस्तावित एक महत्वपूर्ण संशोधन यह है कि मौजूदा वक्फ संपत्तियों पर ‘उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ’ के आधार पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है। नए संस्करण में इसे हटा दिया जाएगा, जहां संपत्तियों को केवल धार्मिक इस्तेमाल के उद्देश्यों के लिए लंबे समय तक उपयोग के आधार पर वक्फ माना जा सकता है।
विपक्ष के सभी को मत विभाजन को किया खारिज
पाल ने बताया कि विधेयक के 14 प्रावधानों में राजग सदस्यों द्वारा पेश संशोधनों को स्वीकार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्यों ने सभी 44 प्रावधानों में सैकड़ों संशोधन पेश किए और उनमें से सभी को मत विभाजन से खारिज कर दिया गया।
8 अगस्त को लोकसभा में हुआ था पेश
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने गत 8 अगस्त को लोकसभा में पेश किया था और इसके बाद इसे संयुक्त समिति को भेज दिया गया था।
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर जेपीसी की बैठक के बाद, इसके एक सदस्य शिवसेना (यूबीटी) सांसद अरविंद सावंत ने कहा, “क्लॉज दर क्लॉज चर्चा होनी थी, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं हुआ। उन्होंने केवल संशोधनों पर मतदान किया। इस पर चर्चा नहीं हुई। वे कहते हैं कि वे 29 जनवरी को अंतिम मसौदा रिपोर्ट पेश करेंगे। हम इसे पढ़ेंगे और देखेंगे। अमृत वर्ष में लोकतंत्र की हत्या हो रही है।”
#WATCH | After the meeting of the JPC on Waqf (Amendment) Bill, 2024, one of its members – Shiv Sena (UBT) MP Arvind Sawant says, "…Clause by clause discussions were supposed to be held. But it was not done at all. They only held voting on the Amendments…It was not… pic.twitter.com/1YANtw8gRP
— ANI (@ANI) January 27, 2025