भारत मौसम विज्ञान विभाग ने एक बयान में कहा कि अगले तीन से चार दिनों के दौरान उत्तर पश्चिम और निकटवर्ती मध्य भारत के कुछ हिस्सों में घना कोहरा जारी रहने की संभावना है।
आईएमडी ने एक्स पर एक पोस्ट करते हुए कहा “अगले 3-4 दिनों के दौरान उत्तर पश्चिम और निकटवर्ती मध्य भारत के कुछ हिस्सों में घना से बहुत घना कोहरा जारी रहने की संभावना है।”
आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार पंजाब, हरियाणा के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान-चंडीगढ़, दिल्ली और पश्चिम उत्तर प्रदेश में तापमान 6-10 डिग्री के बीच है। जबकि राजस्थान, पूर्वी यूपी, मध्य प्रदेश के अधिकांश हिस्से और उत्तरी छत्तीसगढ़ और झारखंड के कुछ हिस्से 11-12 डिग्री के बीच हैं।
आईएमडी के आंकड़ों के मुताबिक देश के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य या सामान्य से ऊपर है। आईएमडी ने मंगलवार सुबह सैटेलाइट तस्वीरें जारी कीं जिसमें पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में कोहरे की परत फैली हुई दिखाई दे रही है।
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में मंगलवार को घना कोहरा छाया रहा और तापमान 7 डिग्री तक कम हो गया। दिल्ली के इंडिया गेट, सराय काले खां, एम्स, सफदरजंग और आनंद विहार क्षेत्र के दृश्यों में क्षेत्र में घना कोहरा छाया हुआ दिखाई दे रहा है और दृश्यता लगभग शून्य है। घने कोहरे के कारण दृश्यता इतनी कम थी कि पर्यटकों को रॉयल गेट के साथ-साथ लेडी डायना बेंच से भी ताज महल देखने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में भी मंगलवार की सुबह सर्दी का अहसास हुआ क्योंकि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, गाजियाबाद और मेरठ और पंजाब के मोगा जैसे शहरों को घने कोहरे के कारण शीत लहर का सामना करना पड़ा। भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक मंगलवार सुबह 8:30 बजे प्रयागराज में तापमान 12.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
शहर में शीतलहर के कारण सड़कों पर लोग गर्मी के लिए अलाव के पास जमा रहे। पंजाब के मोगा शहर में भी लगभग शून्य दृश्यता की स्थिति देखी गई क्योंकि शहर घने कोहरे से घिरा हुआ था और तापमान में और गिरावट आई।
इस बीच मंगलवार सुबह दिल्ली हवाई अड्डे की उड़ान सूचना प्रदर्शन प्रणाली के आंकड़ों के अनुसार घने कोहरे के कारण दिल्ली हवाई अड्डे पर अंतरराष्ट्रीय सहित लगभग 30 उड़ानों के आगमन और प्रस्थान में देरी हुई।
आईएमडी ने राष्ट्रीय राजधानी में घने कोहरे के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर संभावित प्रभाव की भी चेतावनी दी। आईएमडी ने सोमवार को एक विज्ञप्ति में कहा “घने कोहरे में पार्टिकुलेट मैटर और अन्य प्रदूषक होते हैं और उजागर होने पर यह फेफड़ों में जमा हो जाते हैं जिससे वे अवरुद्ध हो जाते हैं और उनकी कार्यात्मक क्षमता कम हो जाती है। जिससे घरघराहट, खांसी और सांस लेने में तकलीफ बढ़ जाती है। आईएमडी की विज्ञप्ति में आगे कहा गया है कि कोहरे की स्थिति आंख की झिल्लियों में जलन पैदा कर सकती है जिससे विभिन्न संक्रमण हो सकते हैं जिससे आंख में लालिमा या सूजन हो सकती है।