Holika Dahan Shubh Muhurt: होली का त्योहार हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। होली से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है, जिसे छोली होली के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्ष होलिका दहन 13 मार्च 2025 को किया जाएगा और 14 मार्च 2025 को होली का त्योहार मनाया जाएगा।
होलिका दहन का महत्व
दरअसल, होलिका दहन का महत्व हिंदू पौराणिक कथाओं में वर्णित है। होलिका दहन के पीछे एक पौराणिक कथा है, जिसमें भगवान विष्णु के भक्त प्रह्लाद की कहानी है। प्रह्लाद के पिता हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र को भगवान विष्णु की पूजा करने से रोकने की कोशिश की, लेकिन प्रह्लाद ने अपनी भक्ति नहीं छोड़ी। हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को प्रह्लाद को आग में जलाने के लिए कहा, लेकिन होलिका आग में जल गई और प्रह्लाद बच गया। इस घटना को होलिका दहन के रूप में मनाया जाता है।
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
बता दें कि होलिका दहन का शुभ मुहूर्त जानने से पहले यह जानना जरूरी है कि होलिका दहन की तिथि और भद्रा का समय क्या है। होलिका दहन की तिथि 13 मार्च यानी आज सुबह 10 बजकर 35 मिनट से शुरू हो जाएगी और तिथि का समापन 14 मार्च यानी कल दोपहर 12 बजकर 23 मिनट पर होगा। इसी पूर्णिमा तिथि के साथ भद्रा का साया भी लग जाएगा। यानी भद्रा आज सुबह 10 बजकर 35 मिनट से लग गई और इसका समापन रात 11 बजकर 26 मिनट तक होगा, इसी के बाद होलिका दहन किया जाएगा।
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त क्या है?
वहीं, होलिका दहन का शुभ मुहूर्त आज रात 11 बजकर 26 मिनट से शुरू होगा और 14 मार्च को रात्रि में 12 बजकर 30 मिनट पर मुहूर्त का समापन होगा।
होलिका दहन की पूजन विधि
सभी पूजन सामग्रियों को एक जगह पर इकट्ठा करके रख लें। जिस जगह पर होलिका दहन किया जाना है वहां की सफाई कर लें। पूजा करते समय उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुंह करके बैठें। फिर गाय के गोबर से होलिका और प्रह्लाद की मूर्ति बनाएं। इसके बाद होलिका पूजन में प्लेट में रखी सभी चीजों को अर्पित करें। इसमें मिठाइयां और फल भी अर्पित करें। इसके बाद भगवान नरसिंह की पूजा करें।