Parliament Standing Committee: गुरुवार को संसद की 24 स्टैंडिंग कमेटियों का गठन हुआ। नेता विपक्ष राहुल गांधी को रक्षा मामलों की समिति का सदस्य बनाया गया तो वहीं, बीजेपी सांसद राधा मोहन सिंह को रक्षा मामलों की समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया।
बीजेपी सांसद भर्तृहरि महताब को वित्त मामलों की संसदीय समिति की कमान दी गई। वहीं, गृह मामलों की संसदीय समिति का अध्यक्ष बीजेपी नेता राधा मोहन दास अग्रवाल को बनाया गया है।
इन नेताओं ने संभाली समितियों की कमान
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे संचार और IT समिति के अध्यक्ष बने और कंगना रनौत इसी समिति की सदस्य बनी हैं। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह महिला, शिक्षा, युवा और खेल मामलों की संसदीय समिति की बागडोर संभालेंगे।
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सपा नेता रामगोपाल यादव को स्वास्थ्य मामलों की संसदीय समिति का अध्यक्ष बनाया गया हैं। कांग्रेस नेता शशि थरूर विदेश मामलों की संसदीय समिति के अध्यक्ष बने हैं। वहीं, रामायण सीरियल में राम की भूमिका निभाने वाले अरुण गोविल को इसी समिति का सदस्य चुना गया है। रेल मामलों की समिति के अध्यक्ष के रूप में बीजेपी नेता सी एम रमेश को चुना गया है।
संसद की कमेटियों का क्या काम होता है?
संसद का काम जटिल, व्यापक और अलग तरीके का होता है। संसद की कमेटियां अलग-अलग कामो में प्रभावी ढंग से मदद करने के लिए बनाई जाती हैं। ये लोकसभा के स्पीकर और राज्यसभा के सभापति को रिपोर्ट पेश करती है। वक्त और एक्सपर्ट्स का विधायी कामों और अन्य मामलों की गहन जांच के लिए काफी अभाव है। इन समितियों का एक सेक्रेटेरिएट भी होता है।
ये संसद की समितियां दो प्रकार की होती हैं- पहला स्थायी समिति यानी स्टैंडिंग कमेटी और दूसरी एड हॉक होती है। जहां, स्टैंडिंग कमेटियों का गठन हर साल किया जाता है तो वहीं एड हॉक कमेटियां अस्थायी होती हैं। अपने काम को पूरा करने के बाद इनका वजूद खत्म हो जाता है।
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इन समितियों (Parliament Standing Committee) को जब बिल भेजे जाते हैं तो ये समितियां उनकी बारीकी से जांच करती हैं। ये लोगों के साथ-साथ स्टेकहोल्डर्स से भी राय मांगने का काम करती हैं।