चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों द्वारा सीलबंद लिफाफे में जमा कराए गए इलेक्टोरल बॉन्ड के ब्योरे को सार्वजनिक कर दिया है। माना जा रहा है कि यह जानकारी 12 अप्रैल 2019 से पहले की अवधि से जुड़ी है। चुनाव आयोग द्वारा पिछले हफ्ते 12 अप्रैल 2019 के बाद की अवधि के इलेक्टोरल बॉन्ड का विवरण पहले ही सार्वजनिक किया जा चुका था।
ECI ने डिजिटाइज्ड डेटा अपलोड किया
चुनाव आयोग ने एक बयान में बताया कि, राजनीतिक दलों ने इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ा डेटा सीलबंद लिफाफे में जमा कराया था। यह डेटा आयोग को प्राप्त हुआ। इसके बाद सीलबंद लिफाफा खोले बिना सुप्रीम कोर्ट में जमा कर दिया गया था। अब आयोग ने आज अपनी वेबसाइट पर इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री से प्राप्त डिजिटाइज्ड डेटा अपलोड कर दिया है।
पिछले गुरुवार को, चुनाव आयोग ने 12 अप्रैल 2019 से 15 फरवरी 2024 के बीच जारी किए गए इलेक्टोरल बॉन्ड पर डेटा जारी कर दिया था। आयोग ने 12 अप्रैल 2019 और 2 नवंबर 2023 को पारित अदालत के अंतरिम आदेशों के अनुसार, 12 अप्रैल 2019 से पहले बेचे गए और भुनाए गए चुनावी बॉन्ड का विवरण सुप्रीम कोर्ट को सौंप दिया था।
लोगों को मिलेगी सार्वजनिक जानकारी
11 मार्च को, इलेक्टोरल बॉन्ड की बिक्री और भुनाई पर डेटा देने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने SBI का वो अनुरोध खारिज कर दिया था जिसमें देश के सबसे बड़े बैंक ने और अधिक समय मांगा था। एसबीआई को ये डेटा चुनाव आयोग को देना था। इसके बाद पीठ ने चुनाव आयोग को पहले के आंकड़े भी प्रकाशित करने के लिए कहा। इन आंकड़ो की प्रतियां निर्वाचन आयोग के कार्यालय में रखी जाएंगी।
बता दें, 2018 की इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को खत्म करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को 6 मार्च तक चुनाव आयोग को डेटा देने का निर्देश दिया था। चुनाव आयोग को 13 मार्च तक डेटा प्रकाशित करने का निर्देश दिया गया था।