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ED की बड़ी कार्रवाई, पूर्व DMK नेता की 55 करोड़ की संपत्ति जब्त; जानें क्या है मामला

ड्रग्स और मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED ने बड़ी कार्रवाई की है। ED ने DMK से निष्कासित नेता जाफर सादिक और उनके कुछ सहयोगियों की चेन्नई में करीब 55 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की संपत्ति जब्त की है।
Jaffer Sadiq| SHRESHTH BHARAT

Jaffer Sadiq: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ड्रग्स और मनी लॉन्ड्रिंग केस में बड़ी कार्रवाई की है। ED ने DMK से निष्कासित नेता जाफर सादिक और उनके कुछ सहयोगियों की चेन्नई में करीब 55 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की संपत्ति जब्त की है।

जाफर सादिक की 55.30 करोड़ की संपत्तियों को ED ने अटैच किया है। इनमें एक आलीशान बंगला, जेएसएम रेजीडेंसी होटल और 7 महंगी गाड़ियां शामिल हैं। ED ने मर्सिडीज और जगुआर को भी जब्त कर लिया है। जाफर सादिक तमिल फिल्मों के प्रोड्यूसर हैं।

इस मामले में हुई कार्रवाई

DMK के पूर्व पूर्व पदाधिकारी जाफर सादिक पर आरोप है कि उसने ड्रग्स के पैसे प्रॉपर्टी खरीदने, होटल बनाने और डीएमके को फंडिंग करने में लगाए हैं। उसने इन्हीं पैसों से फिल्में भी प्रोड्यूस की हैं।

इस मामले पर ED ने कहा कि 2 सितंबर को संघीय एजेंसी ने धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 14 संपत्तियों को जब्त करने के लिए एक अंतिम आदेश जारी किया था। इस आदेश में एक आलीशान बंगला, JSM रेजीडेंसी होटल और जगुआर और मर्सिडीज जैसी 7 महंगी गाड़ियां शामिल हैं।

जून में सादिक को किया गया था गिरफ्तार

ED ने कहा है कि सादिक ने इन संपत्तियों को आपराधिक गतिविधियों से कमाया है। सादिक को ED ने जून में गिरफ्तार किया था। यही नहीं, सादिक के भाई मोहम्मद सलीम को भी अगस्त महीने में हिरासत में ले लिया था।

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ED का दावा हैं कि सादिक अपने भाई सलीम और अन्य लोगों के साथ मिलकर स्यूडोएफेड्रिन और अन्य मादक पदार्थों के निर्यात में शामिल था। ED ने साथ ही यह भी दावा किया है कि सादिक और उसके लोगों ने फिल्म निर्माण, रियल एस्टेट, आतिथ्य और लॉजिस्टिक्स जैसे विभिन्न वैध उपक्रमों में ड्रग्स का पैसा निवेश किए हैं।

सादिक (Jaffer Sadiq) गलत तरीके से कमाए गए इन पैसों को बैंक खातों के एक नेटवर्क के माध्यम से इन निवेशों में लगाया करता था। इसमें सादिक और उसके परिवार के सदस्यों द्वारा नियंत्रित खाते भी थे।

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ईडी ने अपनी जांच में यह पाया कि लॉन्डरिंग फंड का इस्तेमाल सादिक, मायदीन गनी नामक व्यक्ति, उसकी पत्नी अमीना बानू और कुछ अन्य लोगों के नाम पर अचल और चल संपत्तियां जुटाने के लिए किया गया था, जिनमें जमाल मोहम्मद और मोहम्मद मुस्तफा एस जैसे बेनामी नाम शामिल थे।


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