Kolkata Doctor Case: कोलकत्ता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एक ट्रेनी डॉक्टर की हत्या और दुष्कर्म मामले में CBI ने बड़ा खुलासा किया है। इस मामले में कयास लगाए जा रहे थे कि ट्रेनी डॉक्टर के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ है, लेकिन CBI ने इसकी संभावनाओं को खारिज कर दिया है। CBI को अब तक मिले सबूतों के आधार पर दुष्कर्म और हत्या में में केवल संजय सिंह ही शामिल मिला है।
CBI के सूत्रों के मुताबिक, इस मामले की जांच अब अंतिम चरण में है। वह जल्द ही चार्जशीट दाखिल करेगी। एजेंसी इस मामले में डॉक्टरों की अंतिम राय मिलने के बाद जांच पूरी करेगी।
मंत्री ब्रत्य बसु ने भी CBI से की रिपोर्ट की मांग
ममता सरकार में राज्य मंत्री ब्रत्य बसु ने भी CBI से रिपोर्ट की मांग करते हुए कहा, “CBI को मामला दिए हुए 23 दिन बीत चुके हैं…सीबीआई की ओर से कोई प्रगति रिपोर्ट सामने नहीं आई है। हम जांच की विस्तृत रिपोर्ट की मांग करते हैं। जब कोलकाता पुलिस जांच कर रही थी, तो प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए नियमित अपडेट दिए जा रहे थे।”
सूत्रों ने यह भी कहा कि सीबीआई ने अब तक इस मामले में 100 से अधिक बयान दर्ज किए हैं और 10 पॉलीग्राफ टेस्ट भी किए हैं , जिनमें से दो टेस्ट पूर्व अस्पताल प्रमुख डॉ. संदीप घोष के भी शामिल थे। इन सबसे यह पता नहीं चलता है कि डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले में अन्य लोग भी शामिल थे। डॉक्टर का शव 9 अगस्त की सुबह अस्पताल के एक कमरे से बरामद किया गया था।
संदीप घोष CBI की गिरफ्त में
इस मामले में CBI ने तीन गिरफ्तारियां की हैं, जिनमें सबसे बड़ी गिरफ्तारी डॉ. घोष की है। घोष ने हत्या के कुछ दिन बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन कुछ ही घंटों बाद उन्हें एक अन्य सरकारी अस्पताल का प्रमुख नियुक्त कर दिया गया था. घोष अब CBI की गिरफ्त में है।
CBI 17 सितंबर को कलकत्ता उच्च न्यायालय में दायर कर सकती है स्थिति रिपोर्ट
बता दें कि गिरफ्तारी के बाद से डॉ. घोष को बंगाल सरकार और राज्य के डॉक्टरों के संगठन ने निलंबित कर दिया है। उन्हें पहले ही इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने निलंबित कर दिया था। CBI के द्वारा 17 सितंबर को कलकत्ता उच्च न्यायालय में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने की उम्मीद है।
इस मामले में कई दावे और आरोप लगाए गए हैं, जिनमें से कई निराधार हैं, जिनमें आरोप लगाया गया है कि डॉक्टर की मौत के लिए साजिश रची गई और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। मृतक डॉक्टर के परिवार ने आरोप लगाया कि पुलिस ने हत्या को छिपाने के लिए उन्हें रिश्वत देने की कोशिश की, जिसका पुलिस ने दृढ़ता से खंडन किया।