योग गुरु बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापनों से जुड़े मामले की सुनवाई में भाग लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए है। थोडी देर में सुनवाई जारी है।
#WATCH | Yog guru Baba Ramdev and Patanjali Ayurved's Managing Director Acharya Balkrishna arrive at the Supreme Court to attend the hearing relating to misleading advertisements by Patanjali Ayurved. pic.twitter.com/nol8dQhVvB
— ANI (@ANI) April 16, 2024
वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि रामदेव सार्वजनिक माफी मांगने को तैयार हैं। न्यायमूर्ति हिमा कोहली कहा कि अदालत यह सुनना चाहती है कि रामदेव और बालकृष्ण क्या कहना चाहते हैं और उन्हें आगे आने के लिए कहती है। ऑडियो में कुछ गड़बड़ी होने के कारण बेंच कुछ मिनटों के लिए उठ गई। बेंच ने चुटकी लेते हुए कहा, “ऐसा मत सोचिए कि यह हमारी ओर से कोई सेंसरशिप नहीं है।
Patanjali’s misleading advertisements case: Senior advocate Mukul Rohatgi tells Supreme Court that Ramdev is willing to make a public apology.
— ANI (@ANI) April 16, 2024
Justice Hima Kohli says Court wants to hear what Ramdev and Balkrishna have to say and asks them to come forward.
Bench rises for few… pic.twitter.com/GJ0koTpRlz
सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले की सुनवाई 23 अप्रैल को तय किया है। कोर्ट ने कहा कि सुनवाई की अगली तारीख पर दोनों को उपस्थित होना होगा।
बता दें कि इस मामले की सुनवाई जस्टिस हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच कर रही हैं। पिछली सुनावाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दोनों को भ्रामक विज्ञापनों फैलाने पर कड़ी फटकार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव के बिना शर्त माफी के हलफनामे को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। कोर्ट नेे कहा कि हमारे तीन-तीन आदेशों को अनदेखा किया गया है। इन लोगों ने आदेशों का पालन ना करके बहुत बड़ी गलती की है और इनको इसका नतीजा भुगतना पड़ेगा।
कोर्ट ने नवंबर, 2023 में भ्रामक विज्ञापनों पर रोक
बता दें कि, कोर्ट ने नवंबर, 2023 में पतंजलि को भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाई थी। कोर्ट फैसले के बाद पतंजलि ने कहा था कि वो अब ऐसे विज्ञापन नहीं करेगी, लेकिन कुछ दिन बाद ही कंपनी ने दोबारा भ्रामक विज्ञापनों का प्रसारण किया था। कोर्ट ने पतंजलि को आदेश दिया था कि वह मीडिया से दूरी बनाए रखे और आदेश के एक दिन बाद ही रामदेव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।