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“हिट एंड रन” के खिलाफ ट्रक चालकों का धरना प्रदर्शन


केंद्र सरकार के नए हिट एंड रन केस के खिलाफ पूरे देश में ट्रक, बसें, बैट्री रिक्शा और ऑटो चालक सड़कों पर आकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। केंद्र सरकार के नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ उत्तराखंड की परिवहन व्यवस्था और सप्लाई चेन बुरी तरह प्रभावित हुई है। ट्रकों और प्राईवेट बसों के साथ साथ उत्तराखंड के कई शहरों में बैट्री रिक्शा और ऑटो चालकों तक ने चक्का जाम कर दिया है। एक तरफ हड़ताल की वजह से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो दूसरी तरफ ट्रकों की हड़ताल का रोजमर्रा की आम चीजों पर असर दिखने लगा है। कई जगहों पर तो पेट्रोल पम्प तक बंद पड़ गए हैं।

हड़ताल पर आए ये वाहन चालक सरकार से हिट एंड रन कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं। नए कानून भारतीय न्याय संहिता में सरकार ने हिंट एंड रन केस में दस साल की सजा और 7 लाख रूपए के जुर्माने का प्रावधान किया है। वाहन चालक इसी के खिलाफ हड़ताल पर हैं।

टेम्पो ट्रैवेलर्स और जीप की हड़ताल से एक ओर नए साल में जहां पर्यटकों को भारी परेशानी हो रही है वहीं पहाड़ी इलाकों के लोगों को भी एक जगह से दूसरी जगह जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हालत ये है कि लोगों को इस ठंड में जरूरी काम से कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा है। शहरों में तो बैट्री रिक्शा और ऑटो के पहिए भी रुक गए हैं।

हड़ताल की वजह से पेट्रोल की सप्लाई बंद होने से उत्तराखंड में बड़ी संख्या में पेट्रोल पम्प बंद हो रहे हैं। पेट्रोल पम्प के बाहर “पेट्रोल नहीं है” के पोस्टर्स लगाए जा रहे हैं और लोग पेट्रोल पम्प्स से खाली हाथ लौट रहे हैं। हड़ताल की वजह से पेट्रोल पम्प मालिकों को तो भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। पेट्रोल खत्म होने की वजह से लोगों के निजी वाहन भी बंद पड़ गए हैं।

इस कानून को लेकर ड्राइवर्स में जबरदस्त गुस्सा है। इन लोगों का कहना है कि ये सरासर गलत है। सरकार को ये कानून वापस लेना चाहिए। ट्रक चालकों की हड़ताल का असर नवी मुंबई स्थित एपीएमसी सब्जी मार्केट पर भी पड़ता देखने को मिला। आम तौर पर एपीएमसी मार्केट में हर रोज 600 से 700 ट्रक सब्जियां सप्लाई होती थीं लेकिन आज केवल 500 गाड़ियां मार्केट में पहुंची हैं।

केंद्र सरकार के नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट यूनियन ने तीन दिन की हड़ताल की घोषणा की है लेकिन वाहन चालक बेमियादी हड़ताल पर तुले हुए हैं। उनका कहना है कि जब तक सरकार कानून वापस नहीं लेगी तब हड़ताल जारी रहेगी। चाहे उन्हें कितना भी नुकसान क्यों न उठाना पड़े।

सप्लाई न होने के कारण सब्जियों के दर में 20 से 25 फीसदी की वृद्धि हुई है। इसके अलावा छत्रपति संभाजी नगर के गांधी इलाके में ट्रक ड्राइवरों ने सड़क जाम कर दी। जिसकी वजह से दोनों तरफ वाहनों की बड़ी कतारें लग गईं। ठाणे में आज सुबह से पेट्रोल पंप पर पेट्रोल की कमी बताई जा रही है। तीन पेट्रोल पंपों पर ईंधन भराने के लिए वाहन चालकों की भीड़ देखी गई।

रोडवेज, निजी बसों के साथ ही मैजिक और विक्रम के पहिए भी रुक गए हैं। कई जगहों पर आक्रोशित चालकों ने प्रदर्शन कर सरकार से नया कानून तुरंत वापस लेने की मांग की है। दिल्ली, जम्मू, पंजाब, देहरादून ,महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश के इंदौर, देवास और पन्ना में भी इसी तरह के हालात देखने को मिले। राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में भी ट्रक ड्राइवर्स चक्का जाम करते हुए जिला कलेक्ट्रेट पहुंचते हुए नजर आए। उत्तर प्रदेश के लखनऊ, ग्रेटर नोएडा के साथ-साथ अन्य शहरों में भी इस हड़ताल का असर देखने को मिला।  पूरे देश में यही हालात देखने को मिल रहे है।

हड़ताल के दूसरे ही दिन हालत बिगड़ने लगी है। उत्तराखंड सरकार की ओर से अभी हड़ताली वाहन चालकों को कोई आश्वासन नहीं मिला है। यह हड़ताल अगर लंबी खींचती है तो रोजमर्रा की चीजें की तो भारी किल्लत हो सकती है। जिससे नए साल में उत्तराखंड टूरिज्म को भी भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। आम लोगों के लिए चीजें महंगी हो सकती हैं।


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