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संसद सुरक्षा उल्लंघन मामला: ललित झा की हिरासत 5 जनवरी तक बढ़ी


दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने शुक्रवार को संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में आरोपी ललित झा की हिरासत रिमांड 14 दिन और बढ़ा दी।

संसद सुरक्षा उल्लंघन के मास्टरमांइड को दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल द्वारा पिछले हफ्ते दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा दी गई रिमांड अवधि के अंत में संबंधित अदालत के समक्ष पेश किया गया था।

इससे पहले दिल्ली पुलिस ने अदालत को अवगत कराया था कि आरोपी ललित झा ने खुलासा किया कि सभी आरोपी कई बार मिले और साजिश को अंजाम दिया। दिल्ली पुलिस ने पिछले सप्ताह झा को संबंधित न्यायाधीश के समक्ष पेश करते हुए बताया कि आरोपी ललित झा ने खुलासा किया है कि उसके सहित अन्य आरोपी देश में अराजकता पैदा करना चाहते थे ताकि वे सरकार को अपनी मांगों को पूरा करने के लिए मजबूर कर सकें।

पुलिस ने यह भी कहा था कि उसने सबूतों को नष्ट करने और बड़ी साजिश को छिपाने के लिए आरोपी व्यक्तियों के फोन ले लिए। पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि आरोपियों ने अपना फोन जयपुर से दिल्ली के रास्ते में फेंक दिया था।

दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए लोक अभियोजक अखंड प्रताप सिंह ने आगे कहा कि इस सुनियोजित हमले के पीछे की बड़ी साजिश का पता लगाने के लिए गहन जांच की आवश्यकता है। पुलिस ने हमले के पीछे के वास्तविक मकसद और किसी अन्य दुश्मन देश के साथ-साथ आतंकवादी संगठनों के साथ उसके संबंध का पता लगाने के लिए हिरासत में रिमांड भी मांगी। पुलिस सभी आरोपियों का एक-दूसरे से आमना-सामना भी कराएगी।

दलीलों पर गौर करते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डॉ. हरदीप कौर ने शुक्रवार को ललित झा की हिरासत 5 जनवरी 2023 तक बढ़ा दी।

सुरक्षा उल्लंघन 2001 के संसद आतंकवादी हमले की बरसी पर हुआ। दो लोग – सागर शर्मा और मनोरंजन डी शून्यकाल के दौरान सार्वजनिक गैलरी से लोकसभा कक्ष में कूद गए। कनस्तरों से पीली गैस छोड़ी और सांसदों द्वारा काबू किए जाने से पहले सत्ता विरोधी नारे लगाए। इसके बाहर एक अन्य घटना में दो प्रदर्शनकारियों नीलम (42) और अमोल (25)  ने समान गैस कनस्तरों के साथ संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। हालांकि चारों को गुरुवार को दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की सात दिन की हिरासत में भेज दिया गया।

इससे पहले दो पुलिस उपायुक्तों (DCP) और अतिरिक्त पुलिस आयुक्तों सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने ललित झा से पूछताछ की। जिसके दौरान उन्होंने अधिकारियों को पूरी घटना बताई।

सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में पता चला कि हमले की तैयारी महीनों पहले से की जा रही थी। संसद में प्रवेश के लिए प्रवेश पास आवश्यक था इसलिए यह उपलब्ध नहीं था। ललित ने सभी से पूछा था कि पास की व्यवस्था कौन कर सकता है ताकि वे आसानी से संसद में प्रवेश कर सकें। उन्होंने बताया कि ललित राजस्थान के एक होटल से समाचार चैनलों के माध्यम से चल रहे घटनाक्रम और पुलिस गतिविधियों पर लगातार नजर रख रहा था।

सूत्रों के मुताबिक मामले में और अधिक जानकारी हासिल करने के लिए दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने छह टीमों का गठन किया है जिन्होंने लखनऊ, मैसूर, कर्नाटक, राजस्थान, महाराष्ट्र और हरियाणा में आरोपियों से जुड़े स्थानों का दौरा किया।

जांच में यह भी पता चला कि दो जोड़ी जूते लखनऊ में विशेष ऑर्डर पर बनाए गए थे क्योंकि आरोपियों को पता चला कि संसद में जूतों की जांच नहीं की जाती है और यह संसद के अंदर धुएं का डिब्बा ले जाने का एक आसान तरीका हो सकता है। 


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