एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में उत्तर प्रदेश एटीएस ने अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में दो व्यक्तियों अमास उर्फ फ़राज़ अहमद और अब्दुल समद मलिक को पकड़ा है, जो कथित तौर पर आईएसआईएस मॉड्यूल स्थापित करने में शामिल थे।
यह कार्रवाई आईएसआईएस से जुड़ी अवैध गतिविधियों और राष्ट्र-विरोधी योजनाओं के बारे में खुफिया जानकारी के बाद नवंबर 2023 में शुरू की गई जांच के तहत की गई है।
यूपी एटीएस के अनुसार 3 नवंबर को अपने सहयोगियों की गिरफ्तारी के बाद से फरार होने के बाद अमस को 8 जनवरी, 2024 को अलीगढ़ से गिरफ्तार किया गया था। जानकारी के लिए 25,000 रुपये का इनाम घोषित किया गया था। जिससे उसकी गिरफ्तारी हो सके। इसी तरह का इनाम रखने वाले अब्दुल समद मलिक ने पहले ही अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था।
एटीएस को जानकारी मिली थी कि कुछ लोग आईएसआईएस के लिए काम कर रहे हैं और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं। इस जानकारी की पुष्टि के बाद एटीएस ने 3 नवंबर, 2023 को मामला दर्ज किया और अब्दुल्ला अरसलान, माज़ बिन तारिक और वजीहुद्दीन समेत सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
सूचना की पुष्टि करने और पुख्ता सबूत जुटाने के बाद पुलिस ने 3 नवंबर, 2023 को लखनऊ, उत्तर प्रदेश में आईपीसी 13/23, धारा 121ए/122 आईपीसी, 13/18/18वी/38 गैरकानूनी गतिविधियां निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया।
जांच में पता चला है कि अमस अहमद और अब्दुल समद मलिक दोनों एएमयू के छात्र हैं। ये आईएसआईएस के समर्थक थे और किसी बड़े आतंकी हमले को अंजाम देने की योजना बना रहे थे। अमास अहमद ने 2022 में एएमयू से मनोविज्ञान में स्नातक किया और 2023 में एमबीए के लिए प्रवेश परीक्षा दी। अब्दुल समद मलिक एएमयू में एमएसडब्ल्यू (मास्टर ऑफ सोशल वर्क) कर रहे थे।
गिरफ्तार दोनों संदिग्धों को नियमानुसार न्यायालय में प्रस्तुत कर आगे की कानूनी कार्रवाई की जायेगी। आगे की जांच चल रही है।