Teflon Flue: रसोई में खाना पकाते समय अक्सर हमने ये देखा है कि पैन से धुआं निकलता है। मगर क्या आपने कभी ये सोचा है कि ये धुआं आपको बीमार कर सकता है। जी हां, ये सुनने में काफी अजीब लग रहा है, लेकिन अमेरिका में लोग इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं। हालात इतने बूरे हो गए हैं कि सभी को अस्पताल में भर्ती करने की नौबत आ गई है।
कैसे फैलता है टेफ्लॉन फ्लू? (Teflon Flue)
टेफ्लॉन एक ऐसा फ्लू है, जो छुआछूत से नहीं बल्कि घर में रखे बर्तनों से फैलता है। जी हां, यह फ्लू खासकर नॉनस्टिक बर्तन से होता है। नॉनस्टिक बर्तनों को ज्यादा गर्म करने पर इनसे निकलने वाला धुआं शरीर में जाकर टेफ्लॉन फ्लू को जन्म देता है। इसके साथ ही नॉनस्टिक बर्तन में खरोंच लगने से भी बर्तन में मौजूद कैमिकल्स धुएं की मदद से हवा में घुलते हैं और सांस लेने पर आप आसानी से इस फ्लू की चपेट में आ सकते हैं।
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धीरे-धीरे दिखता है असर
कई बार ऐसा भी होता है कि नॉनस्टिक बर्तन की कोटिंग भी टूटकर खाने में मिल जाती है, जो शरीर के लिए खतरा पैदा कर सकती है। रिपोर्ट्स की मानें तो इससे फेफड़ों में जलन और फ्लू जैसे लक्षण हो सकते हैं। टेफ्लॉन फ्लू का असर कुछ ही देर में शरीर पर दिखने लगता है।
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बता दें कि टेफ्लॉन एक तरह का सिंथेटिक कैमिकल है। कार्बन और फ्लोरीन से बने इस कैमिकल पॉलीटेट्राफ्लुओरोएथिलीन (PTFE) कहा जाता है। बेशक नॉनस्टिक पैन में खाना बनाना काफी आसान है। मगर इसे 500 डिग्री फारेनहाइट से ज्यादा गर्म करना भारी पड़ सकता है। इससे टेफ्लॉन पिघलकर खाने में घुलने लगता है।
क्या है टेफ्लॉन फ्लू के लक्षण?
टेफ्लॉन फ्लू का शिकार होने पर लोगों को तेज बुखार, ठंड लगने, खांसी, सीने में दर्द और जकड़न, सिरदर्द, चक्कर आना, थकान, मितली, उल्टी, जोड़ों में दर्द और सांस लेने में परेशानी जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। इस फ्लू से बचने के दो कारगर तरीके हैं। पहला नॉनस्टिक पैन को ज्यादा गर्म करने से बचें और दूसरा बर्तन को गैस पर रखने से पहले इसमें थोड़ा सा तेल या घी डाल दें।