Treatment Through Google May Prove Costly: आजकल हर किसी के हाथ में मोबाइल है। अगर किसी को कोई भी समस्या आती है तो वह तुरंत गूगल पर सर्च कर उस समस्या का समाधान ढूंढता है। इतना ही नहीं आजकल तो किसी को कोई बीमारी भी हो जाए तो वे तुरंत खुद डॉक्टर बन जाते हैं और गूगल पर सर्च करके उस बीमारी का समाधान ढूंढने लग जाते हैं। गूगल जो हमारा सर्च इंजन है, उसके पार हर टॉपिक पर लाखों जवाब होते हैं। लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो अगर आप हर बीमारी का इलाज डॉ. google से मांगते हैं और वह जो भी जानकारी देता है, उसे अपना भी लेते हैं तो यह आपके लिए काफी नुकसानदेह हो सकता है।
डॉ. गूगल बन रहे लोगों के डॉक्टर
एक रिपोर्ट के अनुसार इस डिजिटल युग में जब कोई व्यक्ति बीमार होता है तो वह अपनी बीमारी को ठीक करने के लिए सबसे पहले डॉ. गूगल की मदद लेता है। गूगल पर सही जानकारी भी मिलती है और गलत जानकारी भी रहती है। फिर चाहे वह सूचना सही हो या गलत, इससे अनजान अधिकांश लोग उसके जवाब पर आसानी से भरोसा भी कर लेते हैं और फिर खुद को बड़ा डॉक्टर समझ लेते हैं। ऐसे में सवाल है कि क्या गूगल एक विश्वसनीय चिकित्सक है या सिर्फ चिंता बढ़ाने वाला सोर्स है?
गूगल का करें सही प्रयोग
गूगल पर आज सब कुछ मिलता है, सही भी और गलत भी। सुविधा के मामले में डॉ. गूगल बहुत आगे निकल गए हैं, जिसमें चिकित्सकीय परामर्श भी शामिल है। किसी बीमारी में चिकित्सा जानकारी की विस्तृत श्रृंखला के साथ ही बीमारियों के लक्षणों और वैकल्पिक उपचार बताने जैसे मामलों में भी सबसे तेज प्लेटफॉर्म है। यहां तक कि Google उन मेडिकल शब्दजाल को समझने में भी मदद करता है जो आमतौर पर डॉक्टर अपनी परामर्श में इनका इस्तेमाल करते हैं। लेकिन Google की सलाह से अपनी स्वास्थ्य चिकित्सा करने से कई बार आप समस्याओं का सामना कर सकते हैं।
गूगल पर ज्ञान का भंडार है लेकिन यहां कुछ सही ज्ञान है तो कुछ गलत ज्ञान भी है। उदाहरण के लिए यदि हमारा शरीर सुस्त है और हम गूगल पर शरीर की सुस्ती को लेकर कुछ प्रश्न पूछते हैं तो डॉ. गूगल से हमें कई जानकारियां प्राप्त होती हैं। गूगल हमें यह बताता है कि शरीर की सुस्ती कैंसर से भी संबंधित हो सकता है और शरीर की सुस्ती को लेकर गूगल अन्य बीमारियों से भी संबंध दर्शाता है। ऐसे में किसी सटीक कारण का पता कर पाना बहुत मुश्किल है। गूगल से किसी भी समस्या का गलत निदान भी हो सकता है जो लोगों में तनाव और चिंता का कारण बन सकता है। एक मामूली स्थिति या फिर लक्षण को Google गंभीर बीमारी समझ सकता है और इसके परिणामस्वरूप आप तनाव में आ सकते हैं। गूगल के एल्गोरिदम बड़ी और गंभीर बीमारियों व सामान्य बीमारियों के बीच अंतर नहीं स्पष्ट कर सकते हैं। गूगल से जानकारी लेकर लोग खुद का गलत इलाज कराने लगते हैं, जो और भी हानिकारक सिद्ध हो सकता है।
वेबसाइटों की अच्छी से लें जानकारी
आपको बता दें, कि अक्सर आपकी इंटरनेट खोज पर सबसे पहले दिखाई देने वाली वेबसाइटें व्यावसायिक स्वरुप का हिस्सा भी हो सकती हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि इंटरनेट पर मौजूद प्रतिष्ठित वेबसाइटें खासतौर पर सरकारी स्वास्थ्य संगठनों या देश के चर्चित मेडिकल कॉलेजों से संबंधित हैं, इसकी अच्छी से जानकारी ले लेना चाहिए।
बीमारियों के बारे में जानने के लिए डॉ. गूगल मददगार हो सकते हैं, लेकिन उससे कहीं ज्यादा जरूरी है कि यदि आपको स्वास्थ्य से संबंधित कुछ समस्या होती है तो आप डॉक्टरी सलाह जरूर लें।