पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू इस वक्त जेल में हैं। उनके लिए एक परेशान करने वाली खबर आई है. उनकी पत्नी नवजोत कौर को कैंसर डिटेक्ट हुआ है। ये जानकारी खुद नवजोत कौर ने एक ट्वीट के जरिए साझा की है। नवजोत कौर ने ट्वीट में लिखा है कि नवजोत सिंह सिद्धू उस अपराध के लिए सजा काट रहे हैं जो उन्होंने किया ही नहीं। उनके मुताबिक जेल के बाहर उनका इंतजार करना शायद उस कष्ट से बड़ा है जो सिद्धू को जेल में रहते हुए महसूस हो रहा है।
19 मई, 2022 को नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने एक साल की सजा सुनाई थी। सिद्धू को ये सजा 34 साल पुराने एक मामले में सुनाई गई थी। घटना 27 दिसंबर, 1988 की शाम की है। नवजोत सिंह सिद्धू अपने दोस्त रूपिंदर सिंह संधू के साथ पटियाला के शेरावाले गेट की मार्केट में पहुंचे थे। उस समय सिद्धू एक क्रिकेटर थे और उनका अंतरराष्ट्रीय करियर शुरू हुए एक साल ही हुआ था।
मार्केट में कार पार्किंग को लेकर उनकी 65 साल के एक बुजुर्ग गुरनाम सिंह से कहासुनी हो गई। बात हाथापाई तक जा पहुंची। सिद्धू ने गुरनाम सिंह को घुटना मारकर गिरा दिया। उसके बाद गुरनाम सिंह को अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई। रिपोर्ट में आया कि गुरनाम सिंह की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई।
इस मामले में सिद्धू पर दो केस दर्ज हुए। पहला गैर इरादतन हत्या का और दूसरा रोड रेज का। गैर इरादतन हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को 15 मई, 2018 को बरी कर दिया था। मगर रोड़ रेज के केस में उन पर चोट पहुंचाने की धारा लगी और इस मामले में शीर्ष अदालत ने उन पर 1000 रुपए का जुर्माना लगाया था।
मृतक गुरनाम सिंह के परिवार ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील दायर की। 25 मार्च, 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई पूरी करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। इसके बाद 19 मई, 2022 को कोर्ट ने सिद्धू को एक साल सश्रम कारावास की सजा सुना दी।