संगीत की दुनिया में दिया जाने वाला सबसे बड़ा अवॉर्ड, ग्रैमी अवॉर्ड है। जिसे मूल रूप से ग्रामोफोन अवार्ड भी कहा जाता है। दुनिया के सबसे बड़े म्यूजिक इवेंट ग्रैमी अवार्ड्स 2024 में भारत ने अपना डंका पीट दिया है। इस साल जिन सितारों को ग्रैमी अवॉर्ड्स से नवाजा गया है उनमें चार कलाकार भारत से हैं। इन कलाकारों ने एक बार फिर देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है।
रविवार को लॉस एंजिल्स में 66वें ग्रैमी अवॉर्ड्स आयोजित किया गया। जिसमें भारतीय संगीतकारों का दबदबा देखने को मिला। सिंगर शंकर महादेवन और तबला वादक जाकिर हुसैन समेत चार संगीतकारों ने ये पुरस्कार अपने नाम किया। दोनों लीजेंड्री कलाकारों के बैंड ‘शक्ति’ के एलबम ‘दिस मोमेंट’ ने Best Global Music Album की कैटेगरी में यह अवॉर्ड अपने नाम किया। इस एलबम में कुल 8 गाने हैं। इस बैंड में शंकर महादेवन, जॉन मैकलॉलिन, जाकिर हुसैन, वी सेल्वागणेश और गणेश राजगोपालन जैसे कलाकारों ने काम किया। वहीं बांसुरी वादक राकेश चौरसिया ने भी दो ग्रैमी अवॉर्ड अपने नाम किए हैं।
ग्रैमी म्यूजिक की दुनिया में दिए जाने वाला सबसे बड़ा और प्रतिष्ठित अवॉर्ड है। इस साल ये ग्रैमी का 66वां संस्करण है, जिसमें भारतीय कलाकारों ने एक बार फिर से तिरंगा लहराया। अवॉर्ड सेरेमनी का आयोजन लॉस एंजिल्स के क्रिप्टो.कॉम एरीना में किया गया। इवेंट में SZA, बिली एलिश, दुआ लिपा, ओप्रा विनफ्रे, मेरिल स्ट्रीप समेत कई बड़े कलाकार शामिल हुए।
फ्यूजन बैंड शक्ति ने 45 साल बाद अपना पहला एलबम रिलीज किया, जिसे सीधे ग्रैमी अवार्ड मिला है। इंग्लिश गिटारिस्ट जॉन मैकलॉलिन ने 1973 में भारतीय वायलिन प्लेयर एल. शंकर, तबला वादक जाकिर हुसैन और टी.एच. ‘विक्कू’ विनायकराम के साथ फ्यूजन बैंड ‘शक्ति’ की शुरुआत की थी। हालांकि, 1977 के बाद ये बैंड बहुत एक्टिव नहीं रहा। 1997 में जॉन मैकलॉलिन ने फिर से इसी कॉन्सेप्ट पर ‘रिमेम्बर शक्ति’ नाम से बैंड बनाया और इसमें वी. सेल्वागणेश (टी.एच. ‘विक्कू’ विनायकराम के बेटे), मैंडोलिन प्लेयर यू. श्रीनिवास और शंकर महादेवन को शामिल किया। 2020 में ये बैंड फिर से साथ आया और ‘शक्ति’ के तौर पर इन्होने 46 साल बाद अपना पहला एलबम ‘दिस मोमेंट’ रिलीज किया।
अवॉर्ड जीतने के बाद शंकर महादेवन ने अपना ये अवॉर्डा अपनी पत्नि को डेडिकेट किया है। अपने भाषण में उनहोने कहा कि-‘धन्यवाद भगवान, परिवार, दोस्तों और भारत को धन्यवाद। हमें तुम पर गर्व है भारत। अंतिम लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि मैं यह पुरस्कार अपनी पत्नी को समर्पित करना चाहता हूं, जिनके लिए मेरे संगीत का हर स्वर समर्पित है।’
मशहूर भारतीय तबला वादक जाकिर हुसैन का यह तीसरा ग्रैमी अवॉर्ड है। इससे पहले उन्होंने एल्बम ‘प्लेनेट ड्रम्स’ के लिए टी.एच. ‘विक्कू’ विनायकराम के साथ ग्रैमी जीता था। 2008 में उन्हें ‘ग्लोबल ड्रम प्रोजेक्ट’ के लिए भी ग्रैमी मिल चुका है, और अब ये उनका तीसरा ग्रैमी है।
इससे पहले ग्रैमी अवार्ड्स 2022 में भी भारत को दो बार जीत मिली थीं। तब पी.ए. दीपक, रिक्की केज और स्टीवर्ट कोपलैंड के ‘डिवाइन टाइड्स’ को ‘बेस्ट न्यू एज एल्बम’ कैटेगरी में अवॉर्ड जीता था। देश के लिए मशहूर सितार वादक एवं संगीतकार स्वर्गीय पंडित रवि शंकर ने पहली बार 1968 में ग्रैमी अवार्ड अपने नाम किया था। पंडित रविशंकर के साथ, वेस्टर्न क्लासिकल म्यूजिक के कंडक्टर, जुबिन मेहता ने भी 5 बार भारत के लिए ग्रैमी जीता है।
इस साल ग्रैमी अवॉर्ड्स जीतने वालों में माइली साइरस ने डोजा कैट, दुआ लीपा, बिली इलिश, ओलिविया रोड्रिगो और टेलर स्विफ्ट जैसे तमाम सितारे शामिल हैं।