Wayanad Landslide: केरल के वायनाड में तेज बारिश के कारण हुए भूस्खलन में अब तक 300 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गवां दी हैं और करीब 250 लोग लापता बताए जा रहे हैं। रेस्क्यू टीम लगातार लोगों को बचाने में जुटी है, लेकिन भारी बारिश और कीचड़ के बीच रेस्क्यू करना उनके लिए भी एक कड़ी चुनौती बन गई है। बता दें कि भूस्खलन के कारण मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांवों में भारी तबाही हुई है।
#WATCH | Kerala: Search and rescue operations in landslide-affected areas in Wayanad entered 5th day today. The death toll stands at 308.
— ANI (@ANI) August 3, 2024
Drone visuals from Bailey Bridge, Chooralmala area of Wayanad. pic.twitter.com/OQ7GpKvwND
वहीं, इस हादसे से एक राहत वाली खबर सामने आई है। दरअसल, भूस्खलन में एक 40 दिन की बच्ची और उसका छह साल का भाई फंस गया था, जिन्हें रेस्क्यू टीम ने बचा लिया है। इस हादसे में बच्ची के परिवार के छह सदस्य बाढ़ में बह गए। उनका घर भी नष्ट हो गया और 40 दिन की बच्ची अनारा और उसका छह साल का भाई मोहम्मद हयान मलबे में फंस गए थे। रेस्क्यू टीम ने बताया कि अनारा और हयान को बचाने के लिए उनकी मां तनजीरा एक घर की छत पर चिपकी रही। इस दौरान पानी के तेज बहाव में हयान अचानक बह गया।
छह साल का हयान 100 मीटर दूर जाकर कुएं के पास से गुजर रहे तार के सहारे लटका रहा। बचाव दल ने उसे बचाया। दोनों बच्चों को सकुशल देख मां तनजीरा की जान में जान आई हैं।
Wayanad Landslide: 300 से ज्यादा लोगों की हो चुकी हैं मौत
वायनाड में भूस्खलन के कारण मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 300 पार पहुंच चुका है। 250 लोगों के लापता होने की खबर सामने आई है। राहत एवं बचाव कर्मी फिलहाल मलबे से लोगों को निकालने का काम कर रहे हैं। भूस्खलन के कारण मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांवों में भारी तबाही हुई है। प्रशासन के लिए अभी अंदाजा लगाना मुश्किल हो रहा है कि कुल कितने लोग प्रभावित हुए हैं।
Wayanad landslides: Search operation enters Day 5, death toll at 308
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Wayanad Landslide: 2018 में गई थी 483 लोगों की जान
साल 2018 के अगस्त महीने में भी केरल को बाढ़ का सामना करना पड़ा था। इस बाढ़ में 483 लोगों की मौत हो गई थी, जिसे राज्य की ‘सदी की बाढ़’ कहा गया था। स्थिति इतनी खराब हो गई थी कि केंद्र सरकार को 2018 की बाढ़ को ‘डिजास्टर ऑफ सीरियस नेचर’ घोषित करना पड़ा था। इस प्राकृतिक आपदा में लगभग 3.91 लाख परिवारों के 14.50 लाख से अधिक लोगों को राहत शिविरों में रहना पड़ा था। वहीं, 57 हजार हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो गईं थीं। इस हादसे में राज्य की कुल आबादी का छठा हिस्सा बाढ़ और उससे जुड़ी घटनाओं से सीधे तौर पर प्रभावित हुआ था।