2020 में कोरोना का आतंक ऐसा फैला कि विश्कोव में त्राहि त्राहि मच गई थी। ऐसे में फार्मा कंपनियों ने एकतरफ जहां लोगों की जान बचाई वहीं अब जब कोरोना का तीसरा वेरिऐंट आने की खबर से फार्मा कंपनियों में होड़ सी मच गई है। नए वेरिएंट के खिलाफ वैक्सीन बनाने में फार्मा कंपनियां दिलचस्पी दिखा रही हैं। सूत्रों के मुताबिक कोरोना की कोवीशील्ड वैक्सीन बनाने वाली पुणे की सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया नए वेरिएंट JN.1 के खिलाफ वैक्सीन बनाने के लिए सरकार के पास आवेदन ले जा सकती है। सिरम इंस्टीट्यूट ने ही कोविड वेरिएंट xbb.1 के खिलाफ वैक्सीन तैयार की थी। भारत में ट्रेंड्स को देखचे हुए वैक्सीन रिसर्च में शामिल डॉक्टर नहीं मानते की भारतीयों को किसी और वैक्सीन की जरूरत है। वैक्सीन रिसर्चर्स के मुताबिक लोगों को फिलहाल बूस्टर डोज लगवाने की भी जरूरत नहीं है।
एम्स दिल्ली और एम्स गोरखपुर ने मिलकर लोगों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडीज की पड़ताल की है।एक रिसर्च में पाया गया है कि जिन लोगों ने वैक्सीन की दो डोज लगवाई हैं अथवा जिन लोगों को कभी कोरोना वायरस का इंफेक्शन हो चुका है, उनमें फिलहाल कोरोना से लड़ने के लिए पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा कवच यानी एंटीबॉडी हैं। यही कारण है कि भारत में करीब 4000 से ज्यादा मरीजों के बाद भी अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या नहीं बढी है। यहां तक कि लोग कोरोना वायरस का टेस्ट करवाने में लापरवाही बरत रहे हैं।
भारत ने कोरोना वायरस के नए वेरिएंट JN.1 के मामले बढ़कर 108 के करीब पहुंच गया है। नए वेरिएंट के सबसे ज्यादा केस गुजरात में पाए गए हैं। यहां इस वेरिएंट के 36 मरीज मिलने की पुष्टि हुई है जबकि गुजरात में कुल एक्टिव मरीजों की संख्या 59 है। कर्नाटक में जेएन.1 के कुल 34 मरीज मिले हैं। नए वेरिएंट के हिसाब से 3 नंबर पर गोवा है। यहां कुल 14 केस नए वेरिएंट वाले पाए गए हैं।
गौरतलब है कि 24 घंटे में तीन मौतें हुई हैं। ये तीनों मौतें गुजरात कर्नाटक में हुई हैं। ये वो दोनों राज्य हैं जहां इस समय जेएन.1 के सबसे ज्यादा मामले हैं। इस समय देश में कोरोना वायरस के शिकार कुल मरीजों की संख्या 4093 है। पिछले 24 घंटे में 529 नए मरीज कोरोना के शिकार हुए हैं। नए साल के जश्न और बढ़ती ठंड के बीच कोरोना तेजी से फैल सकता है। इसलिए बचाव ही सुरक्षा है।