Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर मामले में सुनवाई के दौरान अदालत का गुस्सा फूट पड़ा। सीबीआई के जांच अधिकारी की अदालत में अनुपस्थिति और उनके वकील के 40 मिनट की देरी से पहुंचने पर अदालत ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। न्यायाधीश ने तंज कसते हुए कहा, “क्या मैं आरोपी को जमानत दे दूं?” इस घटना ने न सिर्फ पीड़ित परिवार बल्कि पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है।
14 दिन की न्यायिक हिरासत में आरोपी
मामले में सीबीआई की जांच में देरी और लापरवाही न्यायपालिका के लिए चिंता का विषय बन गई है। अदालत ने इस मामले में सीबीआई की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि एजेंसी का सुस्त रवैया न्याय प्रक्रिया को धीमा कर रहा है। मुख्य आरोपी रॉय को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
TMC ने BJP पर साधा निशाना (Kolkata Rape Murder Case)
वहीं, इस मामले में तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधा। तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि यह ‘न्याय के प्रति घोर अवहेलना’ को दिखाता है। पार्टी ने एक्स पर लिखा, “आज आर जी कार मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई के जांच अधिकारी और लोक अभियोजक सुनवाई से लापता रहे। क्या यह पीड़िता का सरासर अपमान नहीं है? न्याय के लिए एक घोर अवहेलना? जवाबदेही की मांग कहां है? क्या बीजपी, कम्युनिस्ट पार्टी आवाज खो चुकी है?”
Today, during the R G Kar case hearing, the Investigating Officer & Public Prosecutor of @CBIHeadquarters went MIA.
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) September 6, 2024
Is this not an outright insult to the victim? A blatant disregard for justice?
Where are the demands for accountability? Have @BJP4India & @CPIM_WESTBENGAL lost… pic.twitter.com/5RKNLAhdrX
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सवालों के घेरे में CBI
मालूम हो कि पिछले महीने ममता सरकार ने बीजेपी के कड़े विरोध के बाद मामले की जांच CBI को सौंप दी थी। तृणमूल कांग्रेस की नेता चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा, “अदालत नाराज हो गई, इंतजार कर रही थी और फिर भी कोई नहीं आया। हम पूछना चाहते हैं कि क्या हुआ? विपक्ष इस पर प्रतिक्रिया क्यों नहीं दे रहा है?” उन्होंने आगे बताया, “सीबीआई को जांच हाथ में लिए 24 दिन और 570 घंटे से अधिक समय हो गया है, इसका परिणाम क्या रहा है? पूरा देश पूछ रहा है। इससे पता चलता है कि सीबीआई मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है।”