Calcutta High Court: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के राज्यपाल सीवी आनंद बोस के साथ चल रहे विवाद पर कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा। कलकत्ता हाईकोर्ट ने ममता बनर्जी को राज्यपाल के खिलाफ किसी भी प्रकार की अपमानजक बयानबाजी न करने की हिदायत दी है। हाईकोर्ट ने कहा कि सीवी आनंद बोस एक संवैधानिक पद पर हैं, इसलिए सोशल मीडिया का उपयोग कर राज्यपाल के खिलाफ कोई व्यक्तिगत हमला नहीं होना चाहिए।
बता दें, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित तीन अन्य को राज्यपाल सीवी आनंद बोस के खिलाफ कोई भी अपमानजनक बयान देने से रोक लगाई है।
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जानें पूरा मामला
दरअसल, मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच बयानबाजी का विवाद इतना बढ़ गया कि मामला कोर्ट तक पहुंच गया। पिछले महीने ममता बनर्जी ने दावा किया था कि कुछ महिलाओं ने उनसे शिकायत की थी कि वे राजभवन जाने से डरती हैं। मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने 28 जून को दीदी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कराया था। कलकत्ता हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई।
राज्यपाल की याचिका का किया विरोध
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सोमवार को सुनवाई के दौरान अपने पुराने बयान पर अडिग रहीं और अपने बयान पर टिके रहने के साथ ही टीएमसी प्रमुख ने राज्यपाल द्वारा हाईकोर्ट में दाखिल याचिका का भी विरोध किया। ममता बनर्जी ने अपने वकील के माध्यम से कहा कि वे हलफनामे में उन महिलाओं के नाम बताने के लिए भी तैयार हैं, जिन्होंने राजभवन के बारे में उनसे शिकायत की थी। ममता के वकील एसएन मुखर्जी ने न्यायमूर्ति कृष्ण राव के समक्ष दलील दी कि मुख्यमंत्री की टिप्पणी एक निष्पक्ष टिप्पणी थी और यह मानहानिकारक नहीं थी।
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हाईकोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान कहा कि स्वतंत्रता के अधिकार के नाम पर कोई अपमानजनक बयान नहीं दे सकता है। साथ ही कहा कि किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा को धूमिल भी नहीं कर सकता है।