Petition Filed Against Keshav Prasad Maurya: उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका केशव के उस बयान को लेकर है, जिसमें उन्होंने कहा था कि संगठन सरकार से बड़ा था, बड़ा है और बड़ा ही रहेगा। ये याचिका हाईकोर्ट के वकील मंजेश कुमार यादव की ओर से दाखिल की गई है, जिसमें उन्होंने कहा कि मौर्य के खिलाफ 7 केस भी दर्ज हैं। इसलिए वो संवैधानिक पद पर नहीं रह सकते।
दरअसल, लोकसभा चुनाव में कम सीटों पर 14 जुलाई को लखनऊ में मंथन के दौरान डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने भाजपा कार्यालय में नाराज कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने सरकार और संगठन पर बयान दिया था, जिसमें उन्होंने संगठन को बड़ा बताया था। इतना ही नहीं, बाद में उन्होंने अपने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करके भी यह बात कही थी।
वहीं, वकील मंजेश यादव ने याचिका में कहा कि केशव मौर्य का यह कहना कि सरकार से बड़ा संगठन होता है, उनके पद की गरिमा को कम करता है। साथ ही सरकार की पारदर्शिता पर संदेह पैदा करती है। भाजपा, राज्यपाल और चुनाव आयोग, सभी की ओर से कोई प्रतिक्रिया या खंडन न करना, इस मुद्दे को और जटिल बनाता है।
इसके अलावा, याचिका में केशव मौर्य के आपराधिक इतिहास का भी जिक्र किया गया है। कहा गया कि उपमुख्यमंत्री बनाए जाने से पहले उन पर 7 आपराधिक मामले दर्ज हैं। वकील का तर्क है कि ऐसे रिकॉर्ड वाले किसी व्यक्ति को संवैधानिक पद पर नियुक्त करना गलत है।
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कौन हैं मंजेश कुमार यादव (Petition Filed Against Keshav Prasad Maurya)?
मंजेश कुमार यादव आजमगढ़ के रहने वाले हैं। वर्तमान में प्रयागराज के झूसी इलाके में रहते हैं। 2017 में मेयर का चुनाव लड़ा था। इलाहाबाद हाईकोर्ट में 2013 से वकालत कर रहे हैं। कई जनहित मुद्दों पर याचिका दाखिल कर चुके हैं।