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संगम से काशी तक जल लेकर पैदल जा रही महिलाएं, कहा-भोले बाबा जो करेंगे, सही करेंगे

Kanwar Yatra From Prayagraj To Kashi: सावन माह के इस पावन अवसर पर जगह-जगह से लोग कांवड़ लेकर भगवान शिव के जलाभिषेक के लिए शिवालय जा रहे हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा भीड़ प्रयागराज से लेकर वाराणसी जाने वाले रूट पर है। सबसे खास बात ये है कि...
Kanwar Yatra From Prayagraj To Kashi

Kanwar Yatra From Prayagraj To Kashi: सावन माह के इस पावन अवसर पर जगह-जगह से लोग कांवड़ लेकर भगवान शिव के जलाभिषेक के लिए शिवालय जा रहे हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा भीड़ प्रयागराज से लेकर वाराणसी जाने वाले रूट पर है। सबसे खास बात ये है कि इस कांवड़ यात्रा में बड़े से लेकर बच्चे भी शामिल हो रहे हैं।प्रयागराज से काशी तक पैदल ही 120 किमी की यात्रा

प्रयागराज से काशी तक पैदल ही 120 किमी की यात्रा

ऐसे में महिलाओं का एक ग्रुप कांवड़ लेकर प्रयागराज से काशी तक पैदल ही 120 किमी की यात्रा पर है। ये सभी महिलाएं अपने परिवार के सुख समृद्धि की प्रार्थना के लिए जा रही है, तो कुछ अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए शिवालय जा रही हैं।

इस कांवड़ यात्रा में वाराणसी के राजातालाब के पास रखौना गांव के करीब 2 दर्जन लोग प्रयागराज (Kanwar Yatra From Prayagraj To Kashi) संगम से गंगाजल लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर में जलाभिषेक के लिए जा रहे हैं। इस यात्रा में सबसे ज्यादा महिलाएं शामिल हैं। ये महिलाएं सबसे पहले वाराणसी से प्रयागराज संगम जाकर वहां से गंगाजल लेकर वाराणसी के लिए रविवार को रवाना हुईं हैं और सभी के जुंबा पर बस एक ही नाम है हर हर महादेव।

भोले बाबा जो करेंगे वह सही ही करेंगे…

बीए में पढ़ने वाली अंजू राज ने बताया कि वे संगम का जल लेकर काशी की ओर जा रही हैं। वह भोले बाबा से कुछ नहीं मांगती, उनका कहना है कि भोले बाबा के प्रति मेरी विशेष श्रद्धा है, वो जो करेंगे वह सही ही करेंगे। कावंड़ यात्रा में महिलाओं के साथ-साथ उनके परिवार वाले भी जा रहे हैं।

यह भी पढ़ें- सावन के तीसरे सोमवार पर भोलेनाथ के इन 3 स्वरूपों की करें पूजा, मिलेंगे मनचाहे फल

कांवड़ यात्रा में शामिल मालती देवी बताती हैं कि वे 20 कांवड़ लेकर प्रयागराज से जल लेकर पैदल ही वाराणसी जलाभिषेक के लिए जाती हैं। वे बताती हैं कि हमने आज तक जो भी मांगा, बाबा ने पूरा किया है। वे रात में सुरक्षित स्थान पर आराम करती हैं और फिर सुबह ही यात्रा के लिए निकल जाती हैं। ये पूरी यात्रा 4 से 5 दिन तक की होती है।


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