Abbas Ansari Bail: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के विधायक अब्बास अंसारी को राज्य के गैंगस्टर कानून के तहत दर्ज एक मामले में अंतरिम जमानत दी। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने मुख्तार अंसारी के बेटे अंसारी को लखनऊ में अपने सरकारी आवास में रहने और मऊ में अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा करने से पहले अधिकारियों से पूर्व अनुमति लेने का निर्देश दिया है।
Supreme Court grants interim bail to Suheldev Bharatiya Samaj Party MLA Abbas Ansari in a case under the UP Gangsters Act, with conditions.
— ANI (@ANI) March 7, 2025
SC directed that Ansari must stay at his official accommodation in Lucknow, seek prior permission from the District Administration and the…
इन शर्तों पर मिली जमानत
पीठ ने अंसारी से कहा कि वह अदालत की पूर्व अनुमति के बिना उत्तर प्रदेश न छोड़ें और अदालतों में पेश होने से एक दिन पहले पुलिस अधिकारियों को सूचित करें। शीर्ष अदालत ने अंसारी द्वारा जमानत शर्तों के अनुपालन पर पुलिस से छह सप्ताह में स्थिति रिपोर्ट मांगी है। पीठ ने कहा कि उन्हें गैंगस्टर अधिनियम मामले को छोड़कर सभी आपराधिक मामलों में जमानत दी गई थी।
अब्बास अंसारी पर लगे हैं ये आरोप
पिछले साल 18 दिसंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उस मामले में अंसारी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें उन पर और कुछ अन्य लोगों पर वित्तीय एवं अन्य लाभ के लिए गिरोह बनाने का आरोप लगाया गया था। चित्रकूट जिले के कोतवाली कर्वी थाने में 31 अगस्त, 2024 को अंसारी, नवनीत सचान, नियाज अंसारी, फराज खान और शाहबाज आलम खान के खिलाफ उत्तर प्रदेश गैंगस्टर्स एवं असामाजिक क्रियाकलाप (रोकथाम) अधिनियम, 1986 की धारा दो, तीन के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। उन पर जबरन वसूली और मारपीट का आरोप लगाया गया था।
अंसारी मऊ निर्वाचन क्षेत्र से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के विधायक हैं। जमानत याचिका खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि मामले में जांच जारी है। इस मामले में उन्हें छह सितंबर, 2024 को गिरफ्तार किया गया था।