Allahabad High Court On Shahi Jama Masjid: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को संभल स्थित जामा मस्जिद की साफ सफाई कराने का शुक्रवार को निर्देश दिया। हालांकि अदालत ने मस्जिद की पुताई और पेंटिंग के लिए कोई आदेश पारित नहीं किया। न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने जामा मस्जिद की पुताई और सफाई की अनुमति मांगने वाली एक याचिका पर यह आदेश पारित किया और सुनवाई की अगली तिथि चार मार्च, 2025 तय की।
एएसआई की रिपोर्ट
शुक्रवार को जब इस मामले में सुनवाई शुरू हुई, तो एएसआई द्वारा एक रिपोर्ट पेश की गई जिसमें कहा गया कि मस्जिद की पेंटिंग सेरामिक पेंट से हुई है और वर्तमान में पुताई कराने की कोई आवश्यकता नहीं है। इस पर, मस्जिद प्रबंधन समिति की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एस एफ ए नकवी ने कहा कि वे केवल मस्जिद की पुताई और सफाई कराना चाहते हैं। इस पर अदालत ने एएसआई को परिसर में धूल और घास की सफाई कराने को कहा। नकवी ने हलफनामा दिया कि सफाई के दौरान किसी तरह की बाधा पैदा नहीं होगी।
अदालत का निर्देश
वहीं राज्य के महाधिवक्ता ने कहा कि इस दौरान, कानून व्यवस्था कायम रखी जाएगी। इससे पूर्व, बृहस्पतिवार को अदालत ने एएसआई को तत्काल मस्जिद का निरीक्षण कर शुक्रवार को रिपोर्ट पेश करने और यह बताने को कहा था कि क्या मस्जिद की पुताई कराने की जरूरत है या नहीं। अदालत ने यह भी कहा था कि यदि एएसआई मस्जिद की पुताई के लिए सहमत होता है, तो मस्जिद प्रबंधन समिति को इसके लिए एक योजना तैयार करनी होगी।
जामा मस्जिद का महत्व
जामा मस्जिद एक ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व वाली मस्जिद है, जो संभल में स्थित है। यह मस्जिद मुस्लिम समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, और इसकी देखभाल और रखरखाव के लिए मस्जिद प्रबंधन समिति जिम्मेदार है। अदालत के निर्देश के बाद, मस्जिद की सफाई और रखरखाव के कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कहा गया है।