उत्तर प्रदेश बीते 24 घंटे से लगातार चर्चा में बना हुआ है। चर्चा में रहने की वजह भी यूपी पुलिस में आउटसोर्सिंग के जरिए होने वाली भर्ती को लेकर जारी हुआ लेटर है। इसके बाद से ही सियासत का पारा भी काफी हाई हो चुका है। एक के बाद एक विपक्ष बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना भी साध रहे हैं। इसी बीच अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा कहीं किसी दिन ‘सरकार’ ही आउटसोर्स न कर दे। हालांकि, डीजीपी की तरफ से साफ कहा गया कि यह पत्र गलती से जारी हो गया है, जिसे निरस्त कर दिया गया है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि एक के बाद एक कार्यवाहक डीजीपी के बाद अब कुछ ‘पुलिस सेवाओं की आउटसोर्सिंग’ पर विचार किया जा रहा है। ठेके पर पुलिस होगी तो, न ही उसकी कोई जवाबदेही होगी, न ही गोपनीय और संवेदनशील सूचनाओं को बाहर जाने से रोका जा सकेगा। भाजपा सरकार जवाब दे कि जब पुलिस का अपना भर्ती बोर्ड है तो बाकायदा सीधी स्थायी नियुक्ति से सरकार भाग क्यों रही है?
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि पुलिस सेवा में भर्ती के इच्छुक युवाओं की ये आशंका है कि इसके पीछे आउटसोर्सिंग का माध्यम बनने वाली कंपनियों से ‘काम के बदले पैसा’ लेने की योजना हो सकती है, क्योंकि सरकारी विभाग से तो इस तरह पिछले दरवाजे से ‘पैसा वसूली’ संभव नहीं है। पुलिस भर्ती परीक्षा के पेपर लीक से आक्रोशित युवाओं में इस तरह की ‘पुलिस सेवा की आउटसोर्सिंग’ की ख़बर से और भी उबाल आ गया है। आउटसोर्सिंग का ये विचार तत्काल त्यागा जाए और यूपी के युवाओं को नियमित, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से सीधी नियुक्ति प्रक्रिया के माध्यम से नौकरी दी जाए। भाजपा कहीं किसी दिन ‘सरकार’ ही आउटसोर्स न कर दे।
प्रदेश पुलिस की तरफ से जो सफाई पेश की गई है, वह समझ से परे है। एक के बाद एक पेपर लीक, अग्निवीर, लाखों खाली पद और अब पुलिस भर्ती में आउटसोर्सिंग की खबरों से प्रदेश के करोड़ों युवा आक्रोशित हैं। भाजपा को सामने आकर इस बारे में स्पष्ट जवाब देना चाहिए।”