Farmers Protest In Panjab: पंजाब के गुरदासपुर में मंगलवार को पुलिस और किसानों के बीच जबरदस्त भिड़ंत हो गई। घटना में 7 लोग घायल हो गए। किसानों का आरोप है कि एक्सप्रेसवे के नाम पर जमीनों का अधिग्रहण किया जा रहा है। यह विवाद दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस हाईवे के लिए भूमि अधिग्रहण को लेकर चल रहा है। किसानों का कहना है कि प्रशासन ने बिना किसी पूर्व सूचना के उनकी जमीन छीनने की कोशिश की और अनुचित मुआवजा देने की पेशकश की। इस घटना के बाद किसानों ने विरोध प्रदर्शन जारी रखने का फैसला किया है। यह घटना पंजाब में किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद का हिस्सा है।
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किसानों का विरोध प्रदर्शन
वहीं, किसानों का कहना है कि दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस हाईवे के लिए भूमि अधिग्रहण को लेकर विवाद चल रहा है। गुरदासपुर में जमीन पर कब्जा लेने के दौरान किसानों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। किसानों का आरोप है कि प्रशासन ने बिना किसी पूर्व सूचना के उनकी जमीन छीनने की कोशिश की और अनुचित मुआवजा देने की पेशकश की।
विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा
किसानों ने कहा है कि विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। झड़प में 7 किसान घायल हो गए हैं। इससे पहले 5 मार्च को चंडीगढ़ में धरने को लेकर किसानों और पुलिस के बीच टकराव देखने को मिला था। किसान संगठनों ने मान सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया था और नाराजगी जताई थी।
किसानों की मांगें
दरअसल, किसानों का कहना था कि 5 मार्च से एक हफ्ते तक धरना प्रस्तावित था। पूरे पंजाब से किसानों को चंडीगढ़ पहुंचना था, उससे पहले पुलिस ने किसान नेताओं को हिरासत में लेना शुरू कर दिया। किसानों के जत्थों को रास्ते में रोक दिया। हालांकि, कई जगहों पर किसान सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। किसान ऋण निपटान के लिए एक कानून बनाने, हर खेत तक नहर का पानी सुनिश्चित करने, गन्ना बकाया का भुगतान करने और भारतमाला परियोजनाओं के लिए भूमि के कथित जबरन अधिग्रहण को रोकने की भी मांग कर रहे थे।
पंजाब सरकार का रुख
पंजाब सरकार ने कहा था कि आंदोलन की अनुमति नहीं है। चंडीगढ़ प्रशासन ने भी किसानों को शहर के सेक्टर 34 में धरना देने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। चंडीगढ़ की सभी सीमाओं बैरिकेडिंग कर दी गई थी।
सरकार को चेतावनी
किसानों की लड़ाई अपनी जमीन की रक्षा के लिए है। वे अपनी जमीन को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि वे अपनी जमीन को कभी नहीं छोड़ेंगे। किसानों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। किसानों का कहना है कि वे अपने अधिकारों के लिए लड़ेंगे।