5 फरवरी को विधानसभा में होने जा रहे फ्लोर टेस्ट में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और JMM विधायक हेमंत सोरेन को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) कोर्ट द्वारा फ्लोर टेस्ट में शामिल होने की अनुमती मिल गई हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कथित जमीन घोटाले के मामले में 31 जनवरी को ED ने गिरफ्तार कर लिया था।
नेता चंपई सोरेन ने शुक्रवार को नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। चंपई सोरेन के साथ-साथ कांग्रेस के नेता आलमगीर आलम और आरेजडी के सत्यानंद भोक्ता ने भी मंत्री पद की शपथ ली थी। आपको बता दे कि शपथ ग्रहण के बाद विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होगा जो 5 फरवरी को होने वाला है। चंपई सोरेन ने शपथ ग्रहण से पहले एक वीडियो पोस्ट किया था जिसमें 43 विधायक उनका समर्थन करते नज़र आ रहे थे।
अब शपथ ग्रहण के बाद चंपई सोरेन के गठबंधन के 38 विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट किया गया है। तो वहीं झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने यह दावा किया है कि उन्की पार्टी फ्लोर टेस्ट में सफल होंगी। साथ ही चंपई सोरेन ने कहा कि हेमंत सोरेन राज्य के विकास के लिए परियोजनाएं लेकर आए, जिससे हताश होकर विपक्षी पार्टी ने झूठे आरोप लगाकर उन्हें फंसाया गया है। चंपई सोरेन की नई सरकार को उसकी बहुमत साबित करने के लिए उन्हें 10 दिन का समय दिया गया है।
नौ समन देने के बाद ED ने किया था गिरफ्तार
31 जनवरी को घंटो पूछताछ के बाद हेमंत सोरेन को ED ने गिरफ्तार किया था। उससे पहले ED ने सोरेन को नौ बार समन भेजा था। हेमंत सोरेन सिर्फ दो समन में ही ED के सामने पेश हुए थे। गिरफ्तारी से पहले ही हेमंत सोरेन अपने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और नए सीएम के रुप में चंपई सोरेन चुना गया था। चंपई सोरेन, हेमंत सोरेन की सरकार में परिवहन मंत्री थे। हांलाकी पूर्व मुख्यमंत्री ने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी पर याचिका को खारिज कर दिया गया था यह कह कर कि मामले में हेमंत सोरेन को पहले हाई कोर्ट का रुख करना चाहिए।