Himachal Pradesh Assembly: हिमाचल प्रदेश की राज्य सरकार एक बड़ा फैसला लिया है। दलबदलू विधायकों को पेंशन नहीं दी जाएगी। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने एक नया कानून पास किया है। अब इस बिल को पास होने के बाद जो विधायक पार्टी बदलेंगे, उन्हें पेंशन नहीं दी जाएगी।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने आज यानी 4 सितंबर को यह बिल पास किया। यह बिल दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित विधायकों पर लागू होगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ‘हिमाचल प्रदेश विधानसभा संशोधन विधेयक 2024’ पेश किया था।
विधानसभा में पास बिल में क्या?
इस बिल के अनुसार, किसी व्यक्ति को संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत अयोग्य घोषित कर दिया जाता है, तो वह इस अधिनियम के तहत पेंशन का हकदार नहीं होगा।
राजनीतिक नैतिकता को बढ़ावा देने के लिए लाया गया कानून
इससे पहले दल-बदल करने वाले विधायकों को भी पेंशन दी जाती थी। यह कानून पार्टी बदलने वालों पर रोक लगाने और राजनीतिक नैतिकता को बढ़ावा देने के लिए लाया गया है।
विपक्षी दलों ने किया बिल का विरोध
विपक्षी दल ने इस कानून का विरोध किया। उनका कहना है कि यह कानून विधायकों के अधिकारों का हनन करता है। सत्ताधारी दल का कहना है कि यह कानून राजनीति में भ्रष्टाचार को कम करने में मदद करेगा। उनका मानना है कि इससे विधायक जनता के प्रति जवाबदेह बनेंगे।
इससे पहले छह कांग्रेस विधायक- सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर, राजिंदर राणा, इंदर दत्त लखनपाल, चेतन्य शर्मा और देवेंद्र कुमार को फरवरी में दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित कर दिया गया था।