Political Crisis in Haryana: हरियाणा की राजनीति में मंगलवार को बड़ा उलटफेर देखने को मिला। यहां तीन निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी की प्रदेश सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया और कांग्रेस को अपना समर्थन दे दिया। इसके बाद अब राज्य में बीजेपी की नायब सरकार खतरे में नजर आ रही है। भाजपा की सरकार से अपना समर्थन वापस लेने वालों में दादरी से विधायक सोमबीर सांगवान, नीलोखेड़ी से विधायक धर्मपाल गोंदर और पुंडरी से निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन के नाम शामिल हैं।
तीनों विधायकों ने रोहतक में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया। इस दौरान उन्होंने इस बात की घोषणा की। निर्दलीय विधायक गोंडर ने कहा, “हम सरकार से समर्थन वापस ले रहे हैं। हम कांग्रेस को अपना समर्थन दे रहे हैं। हमने किसानों से जुड़े मुद्दों सहित विभिन्न मुद्दों पर यह निर्णय लिया है।”
वहीं, इस दौरान प्रदेश कांग्रेस प्रमुख उदय भान ने कहा, “तीन निर्दलीय विधायकों – सोमबीर सांगवान, रणधीर सिंह गोलेन और धर्मपाल गोंदर ने आज कांग्रेस का अपना समर्थन दिया है। यह जन समर्थन में फैसला लिया गया है। कांग्रेस लगातार प्रदेश में मजबूत हो रही है।
हरियाणा विधानसभा का मौजूदा गणित
बता दें, हरियाणा में 90 विधानसभा सीटे हैं। यहां किसी भी दल को सरकार बनाने के लिए कम से कम 46 विधायकों की जरूरत होती है। फिलहाल, राज्य की दो सीटें खाली हैं, ऐसे में ये आंकड़ा अब 45 हो गया है। वहीं, अगर वर्तमान स्थिति की बात करें तो बीजेपी के पास अपने 40 विधायक हैं। इनके अलावा 2 निर्दलीय और 1 विधायक हरियाणा लोकहित पार्टी (गोपाल कांडा) का समर्थन भी बीजेपी के पास है। ऐसे में अभी भाजपा के पास 43 विधायकों का समर्थन है।
अगर कांग्रेस और अन्य दलों के विधायकों की बात करें तो कांग्रेस के पास 30 विधायक हैं। आज 3 निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। इसके अलावा जेजेपी के पास 10 विधायक हैं। एक विधायक INLD का है। इसके अलावा एक और निर्दलीय विधायक बचता है। कहा जा रहा है कि वो भी कांग्रेस को अपना समर्थन दे सकते हैं।