किसानों पर हुए लाठीचार्ज पर राकेश टिकैत ने आक्रोश में कहा कि प्रशासन चाहे जितनी कोशिश कर लें उन्हे रोकने की वे नही रुकेंगे, फिर चाहे पुलिस लाठीचार्ज करे या आंसू गैस के गोले मारे, हम सबकी मांगे एक जैसी ही है क्योंकी हम सब एक ही हैं।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने 2020 के किसानों के विरोध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसने सरकार पर तीन कृषि कानूनों को रद्द करने का दबाव डाला था। हालाँकि, तब से किसान संगठनों के भीतर महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा और भारतीय किसान यूनियन, जो 2020 के विरोध प्रदर्शन के नेतृत्व करने में मददगार थे,वही आज आंदोलन में सबसे आगे नजर आ रहे हैं।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने हाल ही में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा की,”हमने 16 फरवरी को ‘भारत बंद’ का ऐलान किया है। जिसमें किसान संगठनों के अलावा, व्यापारियों और ट्रांसपोर्टरों को भी इस मुद्दे का समर्थन करने और आगे आने को कहा है, और उस दिन काम पर हड़ताल रखने के लिए भी कहा है। उन्होने कहा कि 16 फरवरी केवल किसानों के लिए ‘अमावस्या’ है। उन्हें उस दिन काम नहीं करना चाहिए और ‘कृषि हड़ताल’ का सहारा लेना चाहिए। इससे देश में एक बड़ा संदेश जाएगा।