Electoral Bonds के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला दिया। गुरुवार को इस मामले पर CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संविधान पीठ ने कहा कि देश के नागरिकों को यह जानने का अधिकार है कि सरकार के पास पैसा कहां से आता है और कहां जाता है।
बता दें, सुप्रीम कोर्ट में इलेक्टोरल बॉन्ड की वैधता को लेकर चुनौती दी गई थी। इस मामले की सुनवाई हुई और इस मामले पर CJI चंद्रचूड़ ने फैसला पढ़ा। CJI ने कहा कि हमारे सामने सवाल था कि क्या आरटीआई के तहत राजनीतिक पार्टियों की होने वाली फंडिंग भी आएगी?
Supreme Court holds Electoral Bonds scheme is violative of Article 19(1)(a) and unconstitutional. Supreme Court strikes down Electoral Bonds scheme. Supreme Court says Electoral Bonds scheme has to be struck down as unconstitutional. https://t.co/T0X0RhXR1N pic.twitter.com/aMLKMM6p4M
— ANI (@ANI) February 15, 2024
इस पर आगे बोलते हुए CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि हमारी (संविधान पीठ) दो राय हैं, लेकिन निष्कर्ष एक ही है। नागरिकों को यह जानने का अधिकार है कि सरकार के पास पैसा कहां से आता है और कहां जाता है?
इलेक्टोरल बॉन्ड पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट संविधान पीठ ने कहा कि हमारा मानना है कि गुमनाम चुनावी बॉन्ड सूचना के अधिकार (RTI) और अनुच्छेद 19(1)(ए) का उल्लंघन है।
संविधान पीठ में प्रधान न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के साथ ही जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल थे।
सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि काले धन के रोकने के ओर भी रास्ते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एसबीआई को तीन सप्ताह के अंदर 2019 से अब तक का पूरा हिसाब किताब देना होगा। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर सारी जानकारी देनी होगी।