अयोध्या में राम मंदिर प्रतिष्ठा के दिन जैसे जैसे नजदीक आ रहे हैं वैसे वैसे तैयारियां जोर पकड़ रहीं हैं। यूपी प्रशासन से लेकर आम व खास हर कोई इस हवन में अपनी आहूति देने को उत्सुक है। अयोध्या का यह मंदिर 2.7 करोड़ एकड़ में बना है। इस पूरे मंदिर परिसर में सिर्फ भगवान श्री राम की ही मंदिर नहीं है, बल्कि 6 अन्य मंदिर भी बनाए गए हैं। वहीं, मंदिर के मुख्य द्वार को सिंह द्वार नाम दिया गया है। बताया जा रहा है कि सड़कों के किनारे लग रहे सूर्य स्तंभ भगवान राम के सूर्यवंशी होने का प्रतीक हैं। लगभग 50 साल बाद भगवान श्री राम की जन्मभूमि पर राम मंदिर का प्राण-प्रतिष्ठा सभी देशवासियों के लिए बेहद खुशी का मौका होगी।
22 जनवरी 2024 को मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होगी और मंदिर के मूल गर्भ गृह में भगवान श्री राम को विराजमान किया जाएगा। इस समय मंदिर निर्माण का काम बहुत तेजी के साथ चल रहा है। अयोध्या नगरी में एक मंदिर संग्रहालय भी जल्द बनने वाला है, जो कि एक टूरिस्ट प्लेस के रूप में विकसित किया जा रहा है।
राम मंदिर की खास बातें
अयोध्या राम मंदिर को लेकर बताया जा रहा है कि इस मंदिर के बाद एक भव्य मंदिर संग्रहालय का निर्माण किया जा रहा है। मंदिर का निर्माण पूरा होने को है। इस संग्रहालय के लिए सरयू नदी के तट पर जमीन की खोज जारी है। सरकार ने इस संग्रहालय के लिए 50 एकड़ की जगह को प्रस्तावित किया है। जहां पर हिंदू धर्म के सभी मंदिरो, देवी-देवताओं की झलक देखने को मिलेगी।
श्री राम की जन्म भूमि अयोध्या मंदिर और संग्रहालय में सिर्फ भगवान श्री राम की मूर्ति ही स्थापित नहीं होगी वरन 33 करोड़ देवी-देवता भी यहां विराजमान किए जायेंगें। एक ही शहर में श्रद्धालुओं को सभी देवी-देवताओं के दर्शन हो जाएंगे। इतना ही नहीं, मंदिर के संग्रहालय में देश के सभी मंदिरों को भी दर्शाया जाएगा। मंदिर संग्रहालय को कुल 12 दीर्घायों में बांटा गया है। वहीं, मंदिर के स्तंभों पर भी भगवान श्री राम की 6000 प्रतिमाएं लगाई जाएंगी।